भारत और इस्रायल की सुरक्षा के सामने की चुनौतियाँ एकसमान – इस्रायली रक्षामंत्री गांत्ज़

नई दिल्ली – भारत और इस्रायल का रक्षा और सामरिक सहयोग मज़बूत करनेवाले ‘विजन स्टेटमेंट’ पर दोनों देशों के हस्ताक्षर हुए। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भारत यात्रा पर पहुँचे इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ की मौजूदगी में यह समारोह हुआ। साथ ही, दोनों देशों के रक्षामंत्रियों ने, इस दौरान सैनिकी सहयोग मज़बूत और व्यापक बनाने के साथ ही, उभरती रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और हथियारों के संयुक्त निर्माण पर भी चर्चा की। भारत और इस्रायल के सामने सीमा सुरक्षा और आतंकवाद की एकसमान चुनौती होने का बयान इस्रायल के रक्षामंत्री गांत्ज़ ने इस दौरान किया।

‘सीमा की सुरक्षा और आतंकवाद जैसीं एकसमान चुनौतियों का सामना भारत और इस्रायल एकजूट से करें। इससे दोनों देशों की क्षमता अधिक बढ़ेगी’, यह विश्वास इस्रायली रक्षामंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया। भारत और इस्रायल के द्विपक्षीय संबंधों के ३० साल पूरे हो रहे हैं। इसी दौरान यूक्रेन का युद्ध छिड़ गया है और खाड़ी क्षेत्र में बड़ी उथल-पुथल शुरू हुई है। अब्राहम समझौते के ज़रिये खाड़ी के यूएई, बहरीन ने और मोरोक्को और सुड़ान जैसें अरब देशों ने इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित किया है। और भी कुछ खाड़ी देश इस सहयोग मे शामिल हो रहे हैं।

इसके अलावा यूएई ने इस्रायल के साथ मुक्त व्यापारी समझौता किया है। यूएई और इस्रायल के इस सहयोग में भारत का भी समावेश होगा और इससे त्रिपक्षीय सहयोग शुरू होगा, ऐसें दावे किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में इस्रायल के रक्षामंत्री भारत दौरे पर आए हैं। रक्षा संबंधित और सामरिक सहयोग की दृष्टि से भारत और इस्रायल के सहयोग की अहमियत काफी बड़ी है। हथियार और रक्षा सामान की भारी मात्रा में आयात करते रहें भारत ने इससे संबंधित अपनी नीति मे बदलाव किया है। अब भारत हथियार और रक्षा सामान का निर्माण देश में ही कर रहा है और इसके लिए अतिप्रगत तकनीक रखनेवाले देशों से सहयोग करने के लिए भारत पहल कर रहा है।

ऐसी स्थिति में, रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़त बनानेवाले इस्रायल के साथ भारत के संबंध उचित दिशा में बढ़ रहे हैं, ऐसा दावा हो रहा है। इसी बीच, भारत के ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) और इस्रायल के ‘डिफेन्स आरएण्डडी डायरोक्टरेट’ ने, रक्षा संबंधित अनुसंधान और तकनीकी क्षेत्र के सहयोग से संबंधित समझौता करने की जानकारी इस्रायली समाचार चैनलों ने साझा की हैं। ड्रोन और अन्य रक्षा संबंधित क्षमता बढ़ाने पर इस समझौते में ज़ोर दिया गया है, ऐसा दावा माध्यम कर रहे हैं।

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