भारत ‘एससीओ’ को अनदेखा कर रहा है – चीन का आरोप

बीजिंग – ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ (एससीओ) की बैठक को ज्यादा अहमियत दिए बिना भारत ‘जी २०’ को विशेष अहमियत दे रहा है। इसी वजह से भारत ने ४ जुलाई को शुरू हो रही ‘एससीओ’ की बैठक का ‘वर्चुअल’ आयोजन करने का निर्णय किया है। लेकिन, भारत का यह निर्णय समझदारी का नहीं है। भारत ने ‘एससीओ’ को अनदेखा किया तो चीन इससे भारत को अलग रखकर अन्य सदस्य देशों से सहयोग बढ़ाएगा, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी मुखपत्र ने दी है। चीन के ग्लोबल टाईम्स ने यह आलोचना करते समय ऐसा कहा है कि, भारत को अबतक किसी भी बहुपक्षीय संगठन पर अपना प्रभाव बनाना मुमकिन नहीं हुआ हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे की सिर्फ अमरीका और भारत में ही नहीं, बल्कि पुरी दुनिया में बड़े जोरों से चर्चा होना शुरू हुआ है। इस दौरे को अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बड़े उत्साह से देख रहे हैं, ऐसा दावा अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने किया था। साथ ही भारत यह अमरीका के लिए सबसे अहम भागीदार देश होने का बयान अमरीका के नेता, कुटनीतिक और विश्लेषक भी लगातार कर रहे हैं। साथ ही भारत में आयोजित हो रही ‘जी २०’ परिषद की अहमियत भी काफी बड़ी मात्रा में बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत  का बढ़ता प्रभाव चीन को बड़ा बेचैन कर रहा हैं। इस वजह से चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने इसपर बिल्कुल ही आम प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

भारत ने ‘एससीओ’ की ‘वर्चुअल’ बैठक का वर्चुअल’ आयोजन करना तय किया है। ‘एससीओ’ के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों के प्रत्यक्ष बैठक आयोजित करने वाला भारत ‘एससीओ’ के राष्ट्रप्रमुखों की ४ जुलाई को वर्चुअल बैठक का आयोजन कर रहा है। इसके ज़रिये भारत ‘एससीओ’ से अधिक हमें ‘जी २०’ अधिक अहम होने का संदेश दे रहा है। यह बात समझदारी की नहीं है, यह दावा भी ग्लोबल टाईम्स ने किया है। वास्तव में ‘एससीओ’ की बैठक के लिए भारत पहुंचकर चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को दोनों देशों के ताल्लुकात अच्छे होने का दिखावा करना मुमकिन नहीं होगा, यही चीन का असल दर्द है। ग्लोबल टाईम्स ने इसकी शिकायत अलग शब्दों में बयान की है।

एक ही समय पर ‘ब्रिक्स’, ‘क्वाड’, ‘आई२यू२’ और ‘आईबीएसए’ (इंडिया-ब्राज़ील-साउथ अफ्रीका) जैसें संगठनों का भारत सदस्य देश है। लेकिन, ‘एससीओ’ की अहमियत कम करना भारत के हित में नहीं होगा। भारत ने असहयोग किया तो ‘एससीओ’ के अन्य सदस्यों से सहयोग बढ़ाकर चीन भारत को इससे अलग करने की तैयारी करेगा, ऐसा दावा ग्लोबल टाईम्स ने किया है।

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