चीन के ‘वुल्फ वॉरिअर’ विदेश मंत्री के दावे पर भारत का मुँहतोड़ जवाब

नई दिल्ली – भारत और चीन की सीमा पर बनी स्थिति कायम हैं और दोनों देशों को यहां पर शांति बनाए रखने की इच्छा हैं, ऐसा बयान चीन के नए विदेश मंत्री क्विन गैंग ने किया हैं। एक अमरिकी पत्रिका में लिखे लेख में चीन के नए विदेश मंत्री ने यह दावा करके ‘एलएसी’ पर बना तनाव अनदेखा किया दिख रहा हैं। लेकिन, भारत ने चीन के विदेश मंत्री को स्थिति का अहसास कराया हैं। दोनों देशों का सहयोग विकसित होने के लिए सीमा पर सौहार्द और शांति कायम रखना आवश्यक हैं, ऐसी भूमिका भारत की पहले से है, ऐसा भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगाह किया।

‘वुल्फ वॉरिअर’‘हाऊ चायना सीज्‌‍ द वर्ल्ड’ शीर्षक का यह लेख क्विन गैन्ग ने अमरिकी पत्रिका के लिए लिखा था। चीन के विदेश मंत्री होने से पहले उन्होंने यह लेख लिखा था, ऐसा कहा जा रहा है। इसमें चीन और भारत के सीमा विवाद का ज़िक्र करके गैन्ग ने दोनों देशों को सीमा पर बनी स्थिति और शांति कायम रखने की इच्छा होने का दावा किया था। चीन के पूर्व विदेश मंत्री वैंग ई ने भी इसी तरह के दावे करके एलएसी पर चीन की घुसपैठ और उकसानेवाली हरकतों पर परदा करने की कोशिश की थी। अब क्विन गैन्ग ने भी एलएसी पर विवाद की तीव्रता कम कनरे के लिए कोशिश करेंगे, यह इस लेख से स्पष्ट हुआ हैं।

चीन ऐसे दावे कर रहा है, फिर भी भारत ने इसपर पुख्ता भूमिका अपनाई हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत और चीन का सहयोग विकसित होने के लिए सीमा पर शांति और सौहार्द काम रखना आवश्यक होने की चेतावनी दी। चीन इसे अहमियत दिए बिना द्विपक्षीय सहयोग के प्रस्ताव भारत के सामने रख रहा हैं, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता, ऐसा संदेश विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने फिर से चीन को दिया है। साथ ही भारत के रक्षाबल देश की सीमा की सुरक्षा करने का सामर्थ्य रखता है, इसपर हमले पूरा भरोसा होने का सूचक बयान अरिंदम बागची ने वार्ता परिषद में किया।

‘वुल्फ वॉरिअर’इसी बीच, चीन में हुए बदलाव के अनुसार वैंग ई के स्थान पर विदेश मंत्री के तौर पर क्विन गैन्ग को नियुक्त किया गया है। क्विन गैन्ग की पहचान ‘चायनाज्‌‍ वुल्फ वॉरिअर’ के तौर पर की जाती हैं। माध्यम एवं सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके चीन की ओर से अन्य देशों को चेतावनी और धमकाने के लिए पहल करने वाले राजनीतिक अधिकारी रहे क्विन गैन्ग को इसी वजह से ‘वुल्फ वॉरिअर’ कहा जाता है। पिछले कुछ सालों से चीन ने ‘वुल्फ वॉरिअर’ डिप्लोमसी’ के प्रयोग शुरू किए थे। इसके अनुसार चीन के राजनीतिक अधिकारी दूसरे देशों को आर्थिक प्रतिबंधों के इशारें, भयंकर परिणाम एवं सीधे युद्ध की धमकियां देते हैं। खास तौर पर साउथ चायना सी के विवाद में इस वुल्फ वॉरियर डिप्लोमसी का चीन ने कई बार इस्तेमाल किया था। इसमें क्विन गैन्ग सबसे आगे रहे थे।

ऐसे आक्रामक और जहाल भाषा के लिए जाने जा रहे नेता को विदेश मंत्री बनाकर चीन ने आनेवाले समय की अपनी नीति के संकेत दिए हैं। लेकिन, भारत पर बोलते हुए क्विन गैन्ग सावध शुरुआत करते दिख रहे हैं। अमरिकी पत्रिका में अपने लेख में क्विन गैन्ग ने ‘एलएसी’ की स्थिति कायम रखने की इच्छा दोनों देश रखते हैं, यह बयान करके चीन को भारत के साथ अच्छे संबंध चाहिये, ऐसे संकेत दिए। लेकिन, वह ज्यादा देर तक संयमी राजनीतिक भाषा कायम रख सकेंगे क्या, यह सवाल इससे सामने आ रहा हैं। लेकिन, साउथ चायना सी क्षेत्र के छोटे और तुलना में कमज़ोर देशों को धमकाना और भारत के साथ राजनीतिक कारोबार करना यह दो विभिन्न मुद्दे हैं, इसका अहसास क्विन गैन्ग को होगा, यह उम्मीद हैं।

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