गलवान के संघर्ष चीन ने चार नहीं, बल्कि 42 जवान गँवाये – ऑस्ट्रेलिया के अख़बार का दावा

galwan-conflict-china-soldiers-2कॅनबेरा – लद्दाख की एलएसी पर गलवान में भारतीय सेना के साथ हुए संघर्ष में अपनी सेना ने सिर्फ़ चार जवान गँवाये होने की जानकारी चीन ने दी थी। लेकिन इस संघर्ष में चीन का इससे बहुत ज़्यादा नुकसान हुआ होने की जानकारी ऑस्ट्रेलियन अख़बार ‘द क्लॅक्सोन’ ने दी है। इस संघर्ष में चीन ने चार नहीं, बल्कि 42 जवान गँवाये थे, ऐसा इस अख़बार ने कहा है।

चीन में होनेवाले विंटर ओलंपिक में, गलवान वैली के संघर्ष में घायल हुए अपने अफ़सर का सम्मान करके, चीन इस संघर्ष में अपनी सेना ने पराक्रम किया होने का चित्र खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। ख़ासकर चिनी जनता के सामने सेना का यह कथित पराक्रम अधिक स्पष्ट रूप में सामने आयें इसके लिए चीन जानतोड़ कोशिश करता दिख रहा है। लेकिन इसी दौरान ‘द क्लॅक्सोन’ ने ‘गलवान डिकोडेड’ नामक रिपोर्ट प्रकाशित की है।

galwan-conflict-china-soldiers-1चीन के सोशल मीडिया समेत अन्य माध्यमों में जारी हुई जानकारी का हवाला देकर, गलवान में हुए संघर्ष पर अधिक रोशनी डाली। इस संघर्ष में चीन के कम से कम 38 जवान नदी में डूबकर मरे, ऐसा इस ऑस्ट्रेलियन अख़बार ने कहा है। लेकिन उनमें से एक ही जवान की जानकारी चीन ने दी थी। इसपर इस अख़बार ने ग़ौर फ़रमाया है। साथ ही, गलवान संघर्ष पर हुई चर्चा पर रोक लगाने के लिए चीन ने सख़्त कार्रवाई शुरू की थी, इसपर भी ‘द क्लॅक्सोन’ के खोजपत्रकारों ने ग़ौर फ़रमाया।

इससे पहले पश्चिमी देशों के कुछ लोगों ने, चीन गलवान के संदर्भ में कर रहे दावों को झूठा बताया था। भारत ने, इस संघर्ष में अपने 20 जवान शहीद होने की बात घोषित करके उन्हें राष्ट्रीय सम्मान भी दिया था। लेकिन चीन मारे गये अपने जवानों की जानकारी छुपा रहा है, यह बात बार बार स्पष्ट हुई थी। चीन की सेना ने भारत से कई अधिक मात्रा में अपने जवान गँवाये, यह बात अगर जगज़ाहिर हुई तो अपनी बेईज़्ज़ती होगी, ऐसी चिंता चीन को सता रही है। वह टालने के लिए चीन गलवान के संघर्ष के बारे में अभी भी झूठी जानकारी जारी कर रहा है।

बीजिंग के विंटर ओलंपिक का भारत ने किया राजनीतिक बहिष्कार

नई दिल्ली – गलवान वैली में हुए संघर्ष में घायल हुए अपने लष्करी अधिकारी को चीनने ‘बीजिंग विंटर ओलंपिक’ में विशेष सम्मान प्रदान किया। भारत को उक़साने के लिए ही चीन ने यह फ़ैसला किया था। इसका गंभीर संज्ञान लेकर भारत ने, चीन की यह हरक़त दुर्भाग्यपूर्ण होने का दोषारोपण किया। इसका निषेध करने के लिए भारत के राजनीतिक अधिकारी इस विंटर ओलंपिक के उद्घाटन तथा समापन के लिए उपस्थित नहीं रहेंगे। साथ ही भारत का ‘डीडी स्पोर्टस्’ चैनल इसका सीधा प्रसारण भी नहीं करेगा, ऐसी घोषणा विदेश मंत्रालय ने की।

चीन उइगरवंशियों पर कर रहे अत्याचार का मुद्दा उपस्थित करके अमरीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया तथा अन्य कुछ देशों ने, बीजिंग विटंर ओलंपिक का राजनीतिक बहिष्कार करने की घोषणा की थी। इस कारण इन देशों के राजनीतिक अधिकारी बीजिंग ओलंपिक के समारोह के लिए उपस्थित रहनेवाले नहीं थे। उस समय, खेल में राजनीति को ना घसीटें, ऐसा आवाहन चीन द्वारा किया जा रहा था। भारत ने चीन के साथ संबंधों में तनाव आया होने के बावजूद भी, बीजिंग ओलंपिक का बहिष्कार करने का फ़ैसला नहीं किया था। लेकिन चीन ने ही गलवान वैली में घायल हुए अपने लष्करी अधिकारी को इस ओलंपिक में विशेष सम्मान प्रदान करके अपनी भारतद्वेषी भूमिका जगज़ाहिर की थी।

उम्मीद के अनुसार इसकी गूँजें सुनायी दीं हैं। चीन की इस ख़ुराफ़ात का भारत ने जवाब दिया होकर, अब भारत भी बीजिंग के इस विंटर ओलंपिक का राजनीतिक बहिष्कार करनेवाला है। भारत ने किये इस फ़ैसले के लिए पूरी तरह चीन ही ज़िम्मेदार होने की बात दिख रही है।

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