चीन में जारी प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर वैश्विक शेअर बाज़ारों में गिरावट – कच्चे तेल की कीमतें भी उतरीं

लंदन/बीजंग – चीन में हो रहे प्रदर्शन का बढ़ता दायरा और ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से अर्थव्यवस्था को लग रहे झटकों की पृष्ठभूमि पर सोमवार को विश्व के शेअर बाज़ारों में बड़ी गिरावट आई। यूरोप में ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी और एशिया के जापान, दक्षिण कोरिय, सिंगापुर और भारत के शेअर बाज़ारों गिरावट देखी गई। साथ ही कच्चे तेल की कीमतें भी तीन प्रतिशत गिरावट के साथ प्रति बैरल ८० डॉलर के करीब पहुँचीं। इस बीच अमरिकी डॉलर एवं चीन के युआन के मूल्य में भी गिरावट आई।

चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उसी मात्रा में प्रतिबंध भी अधिकाधिक सख्त हो रहे हैं। इसकी वजह से चीन की जनता में तीव्र असंतोष है और पिछले हफ्ते से लगातार प्रदर्शन जारी हैं। विश्व की दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई देने लगी है। उत्पादन, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैश्विक सप्लाई चेन जैसे तीनों क्षेत्रों में चीन शीर्ष स्थान पर है। लेकिन, कोरोना प्रतिबंधों की वजह से इन सबको बड़े झटके लगे हैं और निवेशकों में बेचैनी फैली है।

इसकी गूंज सोमवार को अंतरराष्ट्रीय शेअर बाज़ारों में सूनाई पड़ी। अमरीका, यूरोप और एशिया के प्रमुख निदेशांकों में आधा से एक प्रतिशत गिरावट आई। कुछ निदेशांक एक साल के न्यूनतम स्तर पर पहुँचते देखे गए हैं। शेअर बाज़ारों के बाद कच्चे तेल के बाज़ार में भी बड़ी गिरावट आई। सोमवार को कच्चे तेल की कीमतें तीन प्रतिशत गिरावट के साथ प्रति बैरल ८१ डॉलर्स तक पहुँची। अमरिकी डॉलर एवं चीन के युआन के मूल्यों में भी गिरावट आई है और अगले कुछ दिनों तक शेअर बाज़ार में इसकी गूंज सुनाई देगी, ऐसे संकेत विश्लेषकों ने दिए हैं।

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