चीन के सदोष साबित हुए ‘रैपिड टेस्टिंग किटस्‌’ का प्रयोग बंद करें – ‘आईसीएमआर’ ने राज्यों को सूचित किया

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – कुछ राज्यों में ‘रैपिड टेस्टिंग किटस्‌’ का निदान गलत होने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके साथ ही इन किटस्‌ का प्रयोग बंद करने की सूचना ‘इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च संस्था’ (आयसीएमआर) ने राज्यों को की है। अगले दो दिनों में इससे संबंधित नए निर्देश जारी किए जाएँगे, यह जानकारी आयसीएमआर के, महामारी एवं संक्रमित रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रमण गंगाखेडकर ने साझा की है। पिछले हफ्ते में चीन से पाँच लाख किटस्‌ आयात किये गए थे। इसके बाद अतिरिक्त छह लाख किटस्‌ आयात होने हैं। लेकिन चीन के इन रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ का प्रयोग करके, राज्यों में शुरू की गई रैपिड टेस्टिंग मुहीम में बाधा हो रही है।

कोरोना का बढ़ता संक्रमण देखकर पाँच लाख रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ की खरीद की गई थी और यही किटस्‌ इन राज्यों को दी गई थीं। ये टेस्टिंग किटस्‌ भारत ने चीन से ही आयात किए हैं। ये रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ ९० प्रतिशत सही निदान करेंगे, यह उम्मीद थी। लेकिन इन किटस्‌ के सटीक निदान करने का प्रमाण महज़ ५.४ प्रतिशत पाया गया है। एक राज्य ने इन रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ को लेकर शिक़ायत दर्ज़ की थी। इसके बाद अन्य तीन राज्यों से इन किटस्‌ से संबंधित जानकारी प्राप्त की गई और इस दौरान ‘पॉझिटिव्ह’ मामलों में बड़ा फ़र्क़ दिखाई देने के कारण इन रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ का प्रयोग बंद करने का निर्णय किया गया, यह बात डॉ. रमण गंगाखेडकर ने कही।

इस पूरे मामले की जाँच की जाएगी और आयसीएमआर के ८ केंद्रों में ये किटस्‌ जाँच करने के लिए भेजे जाएँगे। इन केंद्रों में, ये किटस्‌ ठीक से निदान कर रहे हैं या नहीं, यह देखा जाएगा। जाँच में इन रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ के कुछ बैचेस सदोष पाए गए, तो इसे बदलने के लिए संबंधित कंपनी को भेजा जाएगा। दो दिनों में हमारी जाँच के नतीजों की जानकारी साझा की जाएगी और नये निर्देश भी जारी किए जाएँगे, यह बात डॉ. रमण गंगाखेडकर ने स्पष्ट की।

चीन से आयात किए गए इन किटस्‌ को लेकर पहले से ही आशंका जताई जा रही थी। चीन से इन किटस्‌ की आयात करनेवाले अन्य देशों ने भी ऐसी ही शिकायतें दर्ज की हैं। इस कारण भारत चीन से इन किटस्‌ की आयात ना करें, यह सुर भी सुनाई दे रहा था। लेकिन कोरोना का बढ़ रहा फैलाव देखते हुए, इन किटस्‌ की ज़रूरत काफी हद तक बढ़ चुकी थी। इसी वजह से भारत ने इन किटस्‌ की चीन से आयात की थी।

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