शरणार्थियों के बढ़ते समूहों की पृष्ठभूमि पर जर्मनी में बेघर नागरिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी

बर्लिन: शरणार्थियों के बढ़ते झुंड और जर्मन सरकार से प्रदान होने वाले सस्ते दामों के घर की वजह से जर्मनी में बेघर नागरिकों की संख्या लगभग १५० फ़ीसदी बढ़ी है। जर्मन यंत्रणाओंने दिए जानकारी के अनुसार फिलहाल देश में बेघर नागरिकों की संख्या साढ़े आठ लाख पर गई है। आने वाले कुछ महीनों में यह संख्या १२ लाख तक जा सकती है, ऐसी चिंता व्यक्त की गई है। जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल इनसे सरकार स्थापना के लिए चर्चा शुरू रहते हुए यह जानकारी सामने आने की वजह से मर्केल के सामने बाधाएं अधिक बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

जर्मनी, आशंका, बेघर नागरिक, एंजेला मर्केल, आक्रामक, भूमिका, बर्लिनजर्मनी के ‘फेडरल एसोसिएशन फॉर असिस्टेंट फॉर होमलेस’ मे कुछ दिनों पहले देश के बेघरों के बारे में एक रिपोर्ट प्रसिद्ध किया था। इस रिपोर्ट के अनुसार सन २०१६ साल के आखिर में देश में बेघरों की संख्या ६० हजार तक गई है। उसमें ५० प्रतिशत से अधिक शरणार्थियों होने की बात कही जा रही है। इस वर्ष में देश के बेघरों की संख्या मे ४० प्रतिशत बढ़त होने की आशंका होकर दिसंबर के आखिर तक यह आंकड़े लगभग १२ लाख तक जा पहुंचेंगे, ऐसी चिंता व्यक्त की गई है।

बेघर नागरिकों में सिर्फ रास्ते पर रहनेवाले लोगों की संख्या सन २०१४ से २०१६ इन २ वर्षों के कालखंड में लगभग ३३ प्रतिशत बढ़त हुई है। सन २०१४ वर्ष के आखिर तक जर्मनी में रास्ते पर रहनेवाले नागरिकों की संख्या लगभग ३९ हजार थी। सन २०१६ के आख़िर में यह आंकड़े ५२ हजार तक पहुंचा था।

शरणार्थियों, जर्मनी, आशंका, बेघर नागरिक, एंजेला मर्केल, आक्रामक, भूमिका, बर्लिनजर्मन यंत्रणाओंने सरकार की जानकारी ‘हाउसिंग पॉलिसी’ बेघरों की संख्या बढ़ने के पीछे महत्वपूर्ण कारण होने का दावा किया जा रहा है। सरकारने सस्ते और सामाजिक योजना के अंतर्गत निर्माण होनेवाले घरों की संख्या कम की है। उसकी वजह से इसके अंतर्गत उपलब्ध होनेवाले घर निजी निवेशकारों को बेची जा रही हैं। जिसकी वजह से घरों की संख्या बड़ी तादात में बढ़ने की बात सामने आई है। जर्मन वित्त व्यवस्था यूरोप में सबसे सक्षम वित्त व्यवस्था के तौर पर पहचानी जा रही है और सामाजिक योजनाओं पर होनेवाले खर्च में यह कटौती आश्चर्यजनक माने जा रही है।

बेघरों की संख्या में हुई बढ़त के पीछे जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल इनके शरणार्थियों के बारे में कार्यान्वित ‘ओपन डोर पौलिसी’ यह एक महत्वपूर्ण घटक माना गया है। इस निति की वजह से सन २०१५ और २०१६ इन २ वर्षों में जर्मनी में लगभग १० लाख से अधिक शरणार्थी दाखिल हुए हैं। आवश्यक तैयारी एवं यंत्रणा सक्षम ना होते हुए, शरणार्थियों को दिया यह निमंत्रण जर्मनी में नए समस्याओं का कारण ठहरा है और बेघरों का मुद्दा भी इसमें से एक होने की बात स्पष्ट हुई है।

शरणार्थियों, जर्मनी, आशंका, बेघर नागरिक, एंजेला मर्केल, आक्रामक, भूमिका, बर्लिनशरणार्थियों के झुंड का मुद्दा जर्मनी में सरकार स्थापना पर भी बाधा लाने में जिम्मेदार माना गया है। चांसलर मर्केल को एफडीपी एवं ग्रीन्स इन दोनों राजकीय पक्षियों के साथ संगठन करके सत्ता स्थापन करना अनिवार्य है। इसके लिए एफडीपी इस पक्षने शरणार्थियों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका ली है और उनकी संख्या पर प्रतिबंध लाने की तथा गैर कानूनी शरणार्थियों को बाहर खदेड़ने के लिए गति देने की आग्रही भूमिका ली है। उसी समय ग्रीन्स पक्ष ने शरणार्थियों के मुद्दे पर सौम्य नीति कार्यान्वित करें, ऐसी भूमिका ली है। शरणार्थियों के मुद्दे पर दो विभिन्न भूमिका होनेवाले पक्षों से चर्चा करके मार्ग ढूंढना मर्केल को अब तक संभव नहीं हुआ है। इसकी वजह से आने वाले समय में जर्मनी मे चुनाव की आशंका व्यक्त हो रही है, ऐसे संकेत ‘डर स्पीगेल’ इस देश के अग्रणी साप्ताहिक ने दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.