युक्रैन की सीमा के करीब रशियन सेना की भारी तैनाती – पेंटगॉन के प्रवक्ता जॉन किरबाय

ukraine-border-russianवॉशिंग्टन/सेवास्तोपोल/किव्ह – ‘रशिया ने सात वर्ष पहले २०१४ में क्रिमिआ पर हमले करने के लिए युक्रैन की सीमा के करीब जितनी सेना तैनात की थी, उससे अधिक संख्या में अब की है। रशिया की यह तैनाती यकीनन गंभीर चिंता का विषय है’, ऐसा ऐलान अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटगॉन के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने किया है। इसके अलावा ब्लैक सी की खाड़ी में रशिया ने २० विध्वंसकों के साथ शुरू किए युद्धाभ्यास पर भी अमरीका ने आलोचना की है। इसी बीच रशिया ने अपनी सीमा के करीब १.२० लाख सैनिक तैनात किए होने का दावा युक्रैन कर रहा है।

रशिया ने बीते कुछ दिनों से युक्रैन की सीमा के करीब भारी मात्रा में तैनाती बढ़ाई है। बीते हफ्ते तक डोन्बास की सीमा के करीब ८० हज़ार सैनिक और टैंक तैनात किए हैं, ऐसा दावा युक्रैन ने किया था। लेकिन, यूरोपिय महासंघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने यह तैनाती एक लाख तक होने का बयान किया है। तभी, बीते कुछ दिनों में रशिया ने तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ाकर १.२० लाख की होने की बात युक्रैन ने स्पष्ट की है।

ukraine-border-russianयुक्रैन की सीमा के करीब रशिया की इस तैनाती पर अमरीका ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। ‘इन लष्करी गतिविधियों के माध्यम से उकसाने की हरकत करना रशिया बंद करे और इस क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए सहयोग करे। साथ ही अपनी इस भारी तैनाती के उद्देश्‍य को लेकर रशिया पारदर्शीता दिखाए’, ऐसा आवाहन पेंटगॉन के प्रवक्ता किरबाय ने किया। रशिया ने पहले ही अपनी इस तैनाती का समर्थन किया था। इस क्षेत्र में आयोजित युद्धाभ्यास के लिए एवं नाटो के खतरे की पृष्ठभूमि पर यह तैनाती किए जाने की बात रशिया ने कही थी।

ukraine-border-russianइसी बीच सोमवार से ब्लैक सी क्षेत्र में रशियन विध्वंसकों का युद्धाभ्यास शुरू हुआ है। इस युद्धाभ्यास में रशियन नौसेना के २० विध्वंसक ‘सुखोई-२५एसएम३’ लड़ाकू विमानों का समावेश है। ब्लैक सी क्षेत्र में इस युद्धाभ्यास का आयोजन करके रशिया ने इस समुद्री एवं हवाई क्षेत्र में अड़ंगा डालने की कोशिश की है, ऐसा आरोप अमरीका कर रही है। ऐसे में रशिया पर अमरीका ने लगाए आरोप ठुकराए है।

युक्रैन के खिलाफ रशिया ने अपनाई इस लष्करी आक्रामकता के विरोध में नाटो सख्त भूमिका अपनाए और नाटो सदस्य देश रशियन राजदूतों को देश से बाहर निकाले, ऐसा आवाहन युक्रैन और चेक गणराज्य ने किया है।

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