खाड़ी क्षेत्र के देश परमाणु-अस्त्र-सिद्ध ईरान के विरोध में तैयार रहें – सऊदी के प्रिन्स तुर्की अल फैझल

मनामा – ‘खाड़ी क्षेत्र के देशों की सुरक्षा को ईरान से असली खतरा है। ऐसे इस ईरान के साथ यदि परमाणु समझौता हुआ, तो इस क्षेत्र की समस्याएँ नहीं सुलझेंगी। उल्टे ईरान के नेतृत्व के कारण इस क्षेत्र में संघर्ष भड़केगा। इसी कारण खाड़ी क्षेत्र के देश परमाणु-अस्त्र-सिद्ध ईरान के विरोध में तैयार रहें’, ऐसा आवाहन सऊदी अरब के प्रिन्स तुर्की अल-फैझल ने किया है। प्रिन्स तुर्की कुछ साल पहले अमरीका में नियुक्त सऊदी के राजदूत रहे हैं। अमरीका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर वियना में चर्चा शुरू है, ऐसे में सऊदी के राजघराने के इस प्रभावी सदस्य ने अरब देशों को किया आवाहन अहम साबित होता है।

gulf-countries-iranबाहरिन की राजधानी मनामा में अल-बिलाद फोरम का आयोजन किया गया था। इनमें खाड़ी क्षेत्र-अरब देशों के राजनीतिक नेता, राजनयिक अधिकारी तथा अन्य क्षेत्रों के कम से कम ६० सदस्यों ने सहभाग लिया था। इस चर्चासत्र में प्रिन्स तुर्की ने खाड़ी क्षेत्र का महत्व अधोरेखांकित किया। सामरिक, आर्थिक और व्यापारी प्रभाव के कारण अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा इस क्षेत्र को महत्व दिया जा रहा है, ऐसा प्रिन्स तुर्की ने कहा।

‘लेकिन क्या आनेवाले समय में भी ऐसी ही परिस्थिति होगी, यह निश्चित रूप में बताया नहीं जा सकता। इस कारण हममें होनेवाले मतभेद और खामियाँ दूर करने के लिए हमें कोशिश करनी चाहिए। इससे हम सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकेंगे। यहाँ तक कि परमाणु-अस्त्र-सिद्ध ईरान के विरोध में भी खाड़ी क्षेत्र के देश तैयार रहने चाहिए’, ऐसा प्रिन्स तुर्की ने स्पष्ट किया।

ईरान के साथ परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए अमरीका ने चर्चा शुरू की है, ऐसे में प्रिन्स तुर्की ने ईरान से होनेवाले खतरे की याद करा दी। ईरान से खाड़ी क्षेत्र के देशों की सुरक्षा को होनेवाला खतरा वास्तव वादी है। अतः अमरीका ने ईरान के साथ परमाणु समझौता करके इस क्षेत्र की समस्याएं नहीं समझेंगे। क्योंकि इस परमाणु समझौते के बाद ईरान के नेतृत्व के कारण इस क्षेत्र में संघर्ष भड़केगा, ऐसा प्रिन्स तुर्की ने डटकर कहा।gulf-countries-iran

विनाशकारी शस्त्रास्त्रों से खाड़ी क्षेत्र मुक्त रखने के लिए सऊदी तथा इस क्षेत्र के अरब देश प्रतिबद्ध हैं। लेकिन उसी के साथ खाड़ी क्षेत्र के देश परमाणु अस्त्र से ईरान के विरोध में भी अपनी तैयारी रखें, ऐसा सुझाव प्रिन्स तुर्की ने इस समय दिया। ईरान से होनेवाला खतरा इस देश की परमाणु-अस्त्र-सिद्धता तक ही सीमित नहीं है। बल्कि ईरान के क्षेपणास्त्र, पिछले चार दशकों में ईरान ने अरब-खाड़ी क्षेत्र के देशों में बढ़ाई दखलअंदाजी, ईरान से जुड़े यहाँ के आतंकवादी संगठनों की सहायता से संबंधित देशों की समाजव्यवस्थाएँ तोड़ देने की ईरान की कोशिश यह सब कुछ भी उतना ही खतरनाक है, ऐसा प्रिन्स तुर्की ने कहा।

साथ ही, ईरान के परमाणु अस्त्रों से होनेवाले खतरे पर चर्चा करते समय, ईरान पर मजबूत पकड़ होनेवाले नेतृत्व की ओर अनदेखा करके नहीं चलेगा, ऐसा भी प्रिन्स तुर्की ने कहा। आनेवाले समय में ईरान अगर परमाणु अस्त्रों से लैस हुआ ही, तो उस समय इस क्षेत्र की स्थिरता बरकरार रखने के लिए खाड़ी क्षेत्र के देश अन्य विकल्पों का विचार कर रहे हैं, ऐसा प्रिन्स तुर्की ने कहा। लेकिन इस विकल्प पर अधिक बात करना प्रिन्स तुर्की ने टाला।

हालाँकि जिक्र नहीं किया गया है, फिर भी युएई तथा बाहरिन जैसे देशों ने इस्रायल के साथ शुरू किया सहयोग और सऊदी-युएई ने परमाणु ऊर्जा के लिए शुरू किए प्रयास, इसपर प्रिन्स तुर्की ने गौर फरमाया दिख रहा है।

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