जम्मू-कश्मीर के पुलिस दल पर के हमले का सूत्रधार, ‘लश्कर’ का कमांडर ‘बशीर लश्करी’ मुठभेड़ में ढ़ेर

श्रीनगर, दि. १ : पिछले महिने में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पुलिस दल पर हुए भीषण हमले का सूत्रधार और ‘लश्कर-ए-तोयबा’ का कमांडर ‘बशीर लश्करी’ शनिवार को मुठभेड़ में मारा गया| ‘बशीर लश्करी’ के साथ उसके दो साथीदार भी ढ़ेर हो गये हैं| सुरक्षा दल को मिली यह बड़ी कामयाबी मानी जाती है| ‘बशीर लश्करी’ मरने से ‘लश्कर’ को भी बहुत बड़ा झटका लगा है, ऐसा दिख रहा है|

पिछले कुछ समय में सुरक्षाकर्मियों ने चलायी मुहिम में कुछ महत्त्वपूर्ण आतंकवादी नेता मारे गये हैं| इनमें बुर्‍हान वनि के बाद ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ का कश्मीर का कमांडर हुआ ‘सबझार अहमद बट’, ‘जुनैद मट्टू’ इन जैसे ‘मोस्ट वॉंटेड’ आतंकवादियों का समावेश था| इस कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों की कमर टूट गई है, ऐसा दिख रहा है| ‘जुनैद मट्टू’ की मौत का बदला लेने के लिये ‘लश्कर’ के आतंकवादियों ने पुलिस दल पर हमला किया था| इस हमले में एचएसओ श्रेणी के अधिकारी समेत छह पुलिसकर्मी शहीद हुए थे| आतंकवादियो ने उनके शव की विटंबना की थी| १९९० के दशक के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मियों पर हुआ सबसे भीषण हमला था|

‘बशीर लश्करी’इस हमले के पीछे रहा सूत्रधार और आतंकवादियों की पहचान हुई थी| जम्मू-कश्मीर पुलिस के ‘मोस्ट वाँटेड’ लिस्ट में ‘बशीर अहमद वाणि’ अलियास ‘बशीर लश्करी’ ने यह साज़िश रची थी, यह बात सामने आने पर सुरक्षा एजन्सियों ने उसे ढूँढ़ निकाला| अनंतनाग जिले में ‘ब्रन्ती-बाटपुरा’ इलाके में ‘बशीर लश्करी’ और उसके दो साथीदार छिपकर बैठे हैं, ऐसी खबर सुरक्षा एजन्सियों को मिली| उसके बाद सेना और पुलिस ने इस इलाके में संयुक्त मुहिम हाथ मे ली थी|

सुरक्षाकर्मियों द्वारा शुरू शोधमुहिम के दौरान आतंकवादी और जवानों में जोरदार संघर्ष हुआ| यह आतंकवादी एक घर में छिपकर बैठे थे| सुरक्षा दल के जवानों को देखकर उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी| इसके बाद इस इलाके की जवानों ने घेराबंदी की| यहाँ से भागने के लिए आतंकवादियों ने घर के लोगों को बंधक बनाया| यह मुठभेड़ शुरु रहते समय कुछ अलगाववादियो ने सुरक्षाकर्मियों के जवानों पर पथराव किया|

स्थानिकों को मानवी ढाल बनाकर यहाँ से भागने की इन आतंकवादियों की योजना थी, ऐसा जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रवक्ता ने कहा है| लेकिन सुरक्षाकर्मियोंने ‘बशीर लश्करी’ और उसे दो साथीदारों को भागने का अवसर नहीं दिया| इस मुठभेड़ में आतंकवादियो ने बंधक बनाये एक औरत की मौत हुई, वहीं दो जन घायल हो गये| लेकिन घर में छिपे तीनो आतंकवादियों को मार गिराने में सुरक्षाकर्मियों को कामयाबी मिली|

‘बशीर लश्करी’ यह पिछले कुछ कई सालों से पुलिस को चाहिए था| जम्मू-कश्मीर के कई हमलों के पीछे उसकी साज़िश थी| सन २००३ को उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी| लेकिन जेल से छूटने के बाद उसने फिर से आतंकवादी कारवाईयाँ शुरु कर दी थीं| उसके बाद वो ‘लश्कर-ए-तोयबा’ में शामिल हुआ| उसके बाद उसे ‘बशीर लश्करी’ के नाम से जानने लगे| उस पर १५ लाख का ईनाम घोषित किया गया था|

१६ जून को पुलिस दल पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पुलिस महासंचालक एस. पी. वैद ने, हमले को जिम्मेदार रहनेवालों को छोड़ेंगे नहीं, ऐसा ऐलान किया था| पिछले कुछ महिनों से जम्मू-कश्मीर में पुलिस दल को मुख्य रुप से लक्ष्य बनाया जा रहा है, ऐसा दिख रहा है| पुलिस दल में शामिल ना हों, इस प्रकार की धमकियाँ स्थानीय लोगों को आतंकवादी संगठनाओं द्वारा दी जा रही है| इसके अलावा पुलिस पर हमलें करो, ऐसा संदेश आतंकवादी संगठन अपने समर्थकों को दे रहे हैं| ऐसे हालात में, जम्मू-कश्मीर के पुलिस दल पर हमले की साजिश करनेवाले ‘बशीर लश्करी’ को मार गिराकर सुरक्षाकर्मियों ने आतंकवादियों को और उनके समर्थकों को उचित संदेश दिया है ऐसा दिख रहा है|

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