विदेश मंत्री कुरैशी इनकी बढाई खोरी से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की ‘गुगली’ उन्हीं पर लौटी

इस्लामाबाद – कर्तारपुर कॉरिडोर का प्रस्ताव देकर प्रधानमंत्री इम्रान खान ने भारत पर गुगली डाली थी| जिसकी वजह से भारत को अपने दो मंत्रियों को पाकिस्तान भेजना पड़ा था, ऐसी बढ़ाई मारनेवाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री को अब अपने विधान पर फेरफार करना पड़ रहा है| उनके इस विधान पर भारत से कड़ी प्रतिक्रिया उमड़ने से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने बोलने का गलत अर्थ निकालने का ढिंढोरा पीटना शुरू किया है| पर उनके इस विधान की वजह से कर्तारपुर कॉरिडोर के दिए प्रस्ताव के पीछे सिख धर्म के प्रति आदर की भावना ना होकर वह पाकिस्तान का शातिर राजनैतिक खेल था, यह उजागर हुआ है|

कर्तारपुर कॉरिडोर के निर्माण समारोह के लिए भारत के दो मंत्री पाकिस्तान गए थे| यह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान इनके मुसद्दी दांव का विजय है एवं पाकिस्तान के साथ सारी दुनिया ने यह देखा है, ऐसा दावा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक कार्यक्रम में किया था| इम्रान खान ने डाले हुए इस गुगली की वजह से पाकिस्तान से चर्चा टालने वाले भारत को अपने दो मंत्रियों को भेजना पड़ा है, ऐसी शेखी कुरैशी ने बघारी थी| यह गैर जिम्मेदाराना विधान विदेश मंत्री कुरैशी इनके साथ इनके सरकार पर उलटता दिखाई दे रहा हैं| भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक पत्रकार परिषद में बोलते हुए कुरेशी इनके गुगली वाले विधान का दाखिला दिया है|

कुरैशी इनके इस विधान की वजह से पाकिस्तान को सिख धर्मियों की भावना से कोई लेनादेना ना होकर पाकिस्तान इस कर्तारपुर कॉरिडोर के राजनीति के लिए उपयोग करने की बात स्पष्ट होती है, ऐसा स्वराज ने कहा है| तथा भारत ने इम्रान खान इनके गुगली की वजह से अपने दो मंत्रियों को पाकिस्तान में नहीं भेजा बल्कि अपने धर्म भावना व्यक्त करने के लिए पाकिस्तान भेजा था, यह बात भी विदेश मंत्री स्वराज ने ध्यान में दिलाई है| भारतीय माध्यमों ने भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों द्वारा के विधान की वजह से इस देश का असल हेतु उजागर होने की आलोचना शुरू की है| तथा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री पर कार्रवाई करने की मांग प्रधानमंत्री इम्रान खान इनके पास की है|

अपने विधान खुद पर लौटते दिखाई दे रहे हैं और पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने तत्काल उसका खुलासा किया है| अपने विधानों का गलत अर्थ निकालने की बात कहकर पाकिस्तान सिख धर्मियों की भावना का आदर करने का स्पष्टीकरण शाह महमूद कुरैशी ने दिया है| आनेवाले समय में भी पाकिस्तान सिख धर्मियों के भावनाओं का सम्मान करता रहेगा, ऐसा दावा भी कुरैशी ने किया है| ऐसे शब्दों के फेरफार की है फिर भी कुरैशी ने अनजान रूप से पाकिस्तान की सरकार का शातिर हेतु दुनिया के सामने घोषित करने की बात उनके विधान से बात उजागर हो रही है| कुछ भी करके पाकिस्तान की नई सरकार को एवं लष्कर को भारत के साथ चर्चा चाहिए्| फिलहाल पाकिस्तान की वित्त व्यवस्था निम्नतम स्तर पर पहुंची है और प्रति डॉलर के पीछे पाकिस्तानी रुपयों के मूल्य १४४ तक गिरे है|

आतंकवादी देश’ यह दुनिया भर में बनी हुई पाकिस्तान की प्रतिमा भारत से चर्चा शुरू करने तक सुधारना संभव नहीं है, इसकी कल्पना प्रधानमंत्री इम्रान खान इनके सरकार को हो रही है| तथा अफगानिस्तान और ईरान के सीमा पर भी पाकिस्तान का लष्कर फसता दिखाई दे रहा है, इसीलिए भारत के साथ अग्रणी पर पाकिस्तान के लष्कर को भी वक्त चाहिए|

इसकी वजह से पाकिस्तान का लष्कर एवं लष्कर के हस्तक होने वाले इम्रान खान इनकी सरकार भारत के सामने लगातार चर्चा की मांग कर रही हैं| यह चर्चा नहीं हुई है, तो भारत भी विकास के मार्ग से आगे नहीं जा सकता, ऐसी धमकी पाकिस्तान अलग-अलग मार्ग से दे रहा है| अनेक दशकों से कर्तारपुर के बारे में भारत से किए जानेवाली मांग पूरी करने से पाकिस्तान ने इनकार किया था| पर इस समय पाकिस्तान ने कर्तारपुर कॉरिडॉर का प्रस्ताव देकर भारत पर फिर चर्चा के लिए दबाव लाने का प्रयत्न किया है| भारत ने कर्तारपुर कॉरिडोर एवं द्विपक्षीय चर्चा यह दो अलग बातें हैं, ऐसा कहकर पाकिस्तान का राजनीतिक दांव लौटाया है| जिसकी वजह से कर्तारपुर कॉरिडोर मुक्त करके पाकिस्तान को क्या मिला? इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए विदेश मंत्री कुरैशी शेखी बघारते दिखाई दे रहे थे|

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