‘ईस्ट चाइना सी’ में उत्खनन कर रहे चीन का जापान से कडे शब्दों में निषेध

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टोकिओ – ‘ईस्ट चायना सी’ के समुद्री क्षेत्र में चीन ने खनन शुरू किया है| इस खनन के विरोध में जापान ने कडी आलोचना की है| जापान तथा चीन के बीच समुद्री सीमा निश्चित ना होते हुए चीन ने वर्णित समुद्री क्षेत्र में खनन शुरू करके जापान को उकसाया है, ऐसी चेतावनी जापान ने दी है| ‘ईस्ट चाइना सी’ की समुद्री तथा हवाई सीमा से जापान तथा चीन के बीच कडे मतभेद होते हुए यहां के सेंकाकू द्वीपों पर अधिकार से दोनों देशों के जंगी जहाज आमने-सामने आए थे|

‘इस्ट चायना सी’ क्षेत्र के ‘चुंक्शिओ’ विभाग में बड़ी तादाद पर प्राकृतिक गैस का भंडार होने का दावा किया जाता है| इस भंडार पर जापान तथा चीन दोनों ही अधिकार बता रहे हैं| वर्णित भंडार अपनी समुद्री क्षेत्र में आने का दावा ये दोनों ही देश कर रहे हैं और पिछले अनेक वर्षों से यह वाद शुरू है| पिछले महीने में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे चीन के दौरे पर थे| इस दौरान राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और एबे में हुई मुलाकात में भी ‘चुंक्शिओ’ का मुद्दा रहा| इस समय दोनों देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने ‘इस्ट चायना सी’ में खनन के लिए संयुक्त सहयोग शुरू करने का घोषित किया था|

दूसरी ओर पिछले सप्ताह में अर्जेंटीना में हुई ‘जी-२०’ की बैठक में भी एबे और जिनपिंग के बीच हुई चर्चा में ‘चुंक्शिओ’ का मुद्दा शामिल था| ‘चुंक्शिओ’ के लिए संयुक्त खनन शुरू किया गया तो ‘इस्ट चायना सी’ में शांति, सहयोग और मित्रता स्थापित हो जाएगी ऐसा विश्वास इन दोनों नेताओं ने व्यक्त किया था| परंतु अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने ‘इस्ट चायना सी’ के विषय में सहयोग की भूमिका लेने वाले चीन से वर्णित समुद्री क्षेत्र में खनन शुरू होने की टीका जापान ने की है|

‘इस्ट चायना सी’ में चीन की एक तरफा कार्रवाई अफसोसनाक होकर जापान उसका तीव्र शब्दों में निषेध करता है, ऐसे जापन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है| राजनीतिक मार्ग से चीन तक जापान की यह नाराजगी व्यक्त की गई है और ‘इस्ट चायना सी’ में तटीय गार्डस् का तैनातीकरण बढ़ाने का जापान ने स्पष्ट किया है| दौरान जापान के नियंत्रण में होने वाले ‘सेंकाकू’ द्वीपों पर चीन ने अधिकार बता बताकर लष्करी सामर्थ्य से इस पर कब्जा करने की धमकी भी दी थी|

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