दूसरा २६/११ होने पर भारत पाकिस्तान युद्ध भड़केगा – अमरिका के भूतपूर्व अधिकारी एवं विश्लेषकों की चेतावनी

वाशिंगटन – पाकिस्तान से भारत पर २६/११ जैसा एक और हमला हुआ तो दोनों देशों में युद्ध भड़कने के सिवाय कोई चारा नहीं होगा, ऐसी चेतावनी अमरिका के भूतपूर्व अधिकारी ने दी है। मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद भारत एवं पाकिस्तान में युद्ध भड़कने की स्थिति निर्माण हुई थी। पर अमरिका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश एवं विदेश मंत्री कोंडोलिझा राइस ने अधिक प्रयत्न करके यह युद्ध नहीं होने दिया था। पर अब वर्तमान समय में पाकिस्तान से भारत की भूमि पर बड़ा आतंकवादी हमला हुआ तो पाकिस्तान पर कठोर कार्रवाई करने भारत के निर्णय का वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प जोरदार समर्थन करेंगे एवं भारत को सहायता भी करेंगे ऐसी आशंका अमरिका के भूतपूर्व अधिकारी ने जताई है।

मुंबई पर हुए २६/११ आतंकवादी हमले के दसवें स्मरण दिन के औचित्य पर अमरिका के भूतपूर्व अधिकारी बोल रहे थे। सीआईए के वरिष्ठ भूतपूर्व अधिकारी ब्रूस रिडेल ने मुंबई पर आतंकवादी हमले का षड्यंत्र रचने वालों पर पाकिस्तान में कार्रवाई होना असंभव बात होने का बयान दिया है। फिलहाल बुकिंग्स इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट के सीनियर फेलो और डायरेक्टर के तौर पर काम देख रहे रिडेल ने पाकिस्तानी आतंकवादियों पर काम करने के लिए बिल्कुल उत्सुक ना होने की बात कहकर इस देश के आतंकवाद समर्थक धारणाओं पर प्रकाश डाला है। उस समय अगर भारत पर २६/११ जैसा बड़ा आतंकवादी हमला हुआ एवं उसका मूल पाकिस्तान में बरामद हुआ तो दोनों देशों में युद्ध भड़कने के सिवाय कुछ नहीं हो सकता, ऐसा रिडेल ने सूचित किया है।

पाकिस्तान की अमरिका में भूतपूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने रिडेल ने किये दावे को समर्थन दिया है। १६६ लोगों की जान लेनेवाले आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने उसका षड्यंत्र रचनेवालों पर कार्रवाई करने के लिए बात मंजूर की थी। पर पाकिस्तान पर नियंत्रण होनेवाले डीप स्टेट अर्थात लष्कर एवं भारत द्वेषीगट को आतंकवादियों पर कार्रवाई मंजूर नहीं है। इसीलिए पाकिस्तान में २६/११ के सूत्रधार पर कार्रवाई नहीं हुई है। पर यह दबाव ठुकराकर पाकिस्तान ने इन आतंकवादी हमलों के सूत्रधार पर कार्रवाई करके अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी, ऐसी अपेक्षा हुसैन हक्कानी ने व्यक्त की है।

२६/११ होने के बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंग इन पर आक्रामक प्रत्युत्तर देने की मांग की जा रही थी। इसके लिए भारतीय जनता से बहुत बड़ा दबाव हो रहा था। पर ऐसे समय में अमरिका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश एवं विदेश मंत्री कोंडोलिझा राईस ने सारी अमरिकन यंत्रणा पर जोर लगाया था। किसी भी परिस्थिति में परमाणु शस्त्र धारी देश होनेवाले भारत एवं पाकिस्तान में युद्ध ना हो, इसके लिए बुश प्रशासन प्रयास कर रहा था। स्वयं राष्ट्राध्यक्ष बुश ने इसके लिए अनेक प्रयत्न किए थे, ऐसी जानकारी उस समय अमरिका प्रशासन के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में साउथ एशिया विभाग के डायरेक्टर होनेवाले अनीश गोयल ने कहा था। तथा २६/११ का हमला शुरू होते समय अमरिका ने अपने कमांडो पथक भारतीय सुरक्षा यंत्रणा को सहायता करने के लिए भेजने का प्रस्ताव दिया था, ऐसी जानकारी गोयल ने दी थी।

दौरान अमरिकन प्रशासन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक भूतपूर्व अधिकारी ने भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों पर सूचक विधान किए हैं। २६/११ जैसा एक और हमला भारत पर हुआ तो उस समय अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष पद पर होनेवाले डोनाल्ड ट्रम्प भारत को संयम रखने के लिए बिल्कुल आवाहन नहीं करेंगे, ऐसा दावा अमरिका के इस भूतपूर्व अधिकारी ने किया है। ऐसी परिस्थिति में यकीनन क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता, पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प आतंकवादी हमले को प्रत्युत्तर देने का भारत का अधिकार मंजूर करेंगे एवं उसे जोरदार समर्थन भी देंगे। इतना ही नहीं तो राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन के लिए भारत को सहायता भी करेंगे, ऐसी गहरी आशंका होने की बात अधिकारी ने कही है।

फिलहाल भूतपूर्व अधिकारी की पहचान उजागर नहीं की है, फिर भी ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में यह अधिकारी महत्वपूर्ण पद पर था, ऐसा कहा जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पाकिस्तान के आतंकवादी धारणाओं पर किए कड़े विरोध एवं भारत के पक्ष से स्वीकारी हुई भूमिका देखते हुए यह अभूतपूर्व अधिकारी अपने निरीक्षण जताते दिखाई दे रहे हैं।

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