वैश्विक विकास का इंजन और क्वाड

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ऑस्ट्रेलिया में ‘क्वाड’ बैठक में उपस्थित ना होने का ऐलान किया। इस वह से ‘क्वाड’ की बैठक ही नाकाम होने के दावे करके चीन के सरकारी अखबार ने इस संगठन का मज़ाक उड़ाया। लेकिन, वास्तव में हिरोशिमा में हुई ‘क्वाड’ देशों की बैठक पर चीन ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया था। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे शब्दों में हिंद महासागर से पैसिफिक महासागर तक के विस्तीर्ण समुद्री क्षेत्र की अहमियत और इसे होने वाले खतरे सटिक राजनीतिक भाषा में स्पष्ट किए। 

क्वाडइंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक व्यापार, नए अनुसंधान और विकास का इंजन हैं। इसी वजह से इस क्षेत्र की सफलता दुनिया के लिए सबसे अहम हैं, इसका अहसास प्रधानमंत्री मोदी ने कराया। वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी का खतरा होने की स्थिति में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र चीन की जारी गतिविधियों के कारण अस्थिर बना है। चीन इसी तरह से बेलगाम हरकत करता रहा तो इससे ना कि सिर्फ इसी क्षेत्र के देशों को नुकसान पहुंचेगा बल्कि इससे पूरी दुनिया के देशों को इससे क्षति होगी, यह इशारा प्रधानमंत्री मोदी ने चीन का नाम लिए बिना दिया। इसके साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पान हो, ऐसी उम्मीद प्रधानमंत्री ने व्यक्त की।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन किसी भी तरह के नियमों का पालन करने के लिए तैयार नहीं। उल्टा इस क्षेत्र के अंग ईस्ट चाइना सी पर अपना सार्वभौम अधिकार होने का बयान चीन कर रहा हैं। इसके साथ ही हिंद महासागर यानी भारत का इलाका नहीं हैं, यह भी चीन का कहना हैं। इस क्षेत्र में भी चीन अपनी विस्तारवादी गतिविधियां करके वहां अपना वर्चस्व स्थापित करने के इरादे रखकर हैं। ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र के प्रमुख देश भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने सख्त भूमिका अपनाकर चीन को रोकने की उम्मीद है।

इसका अस्पष्ट दाखिला देकर प्रधानमंत्री मोदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शांति, स्थिरता और समृद्धी निर्धारित करने के लिए क्वाड का गठन हुआ था, इसकी याद भी ताज़ा की। मौजूदा समय में दुनियाभर के कई देश और उनके गुट इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए अपनी अपनी नीति और नज़रिया पेश कर रहे हैं। इन सभी के लिए ‘क्वाड’ की यह बैठक मार्गदर्शक साबित होगी, ऐसा सूचक बयान प्रधानमंत्री ने किया। चीन से होने वाले खतरे के मद्देनज़र सभी ज़िम्मेदार देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एकजूट करें, यह संदेश प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर देते दिखाई दिए।

साथ ही वर्ष २०२४ में भारत में ‘क्वाड’ बैठक का आयोजन करने के लिए हम उत्सुक हैं, यह भी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। 

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