जर्मनी की सीमा से शरणार्थियों को वापस भेज देंगे – चांसलर मर्केल की सहकारी पार्टी ‘सीएसयू’ की धमकी

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बर्लिन – जर्मनी की सरहद से शरणार्थियों को वापस भेज देंगे, ऐसी धमकी जर्मनी की सत्तारूढ़ मोर्चे की ‘ख्रिश्चन सोशल यूनियन’ (सीएसयू) पार्टी ने दी है| ‘ख्रिश्चन सोशल यूनियन’ (सीएसयू) के नेता और जर्मनी के अंतर्गत रक्षा मंत्री होर्स्ट सिहोफर ने चांसलर मर्केल को शरणार्थियों के बारे में ‘मास्टर प्लान’ स्वीकार करने के लिए महीने के आखिर तक का अवधि दिया है| इस समय सीमा का पालन नहीं किया गया तो शरणार्थियों को खदेड़ने के मामले में एकतरफा ऐलान करने की चेतावनी सिहोफर ने दी है| इस वजह से लाखों शरणार्थियों के लिए जर्मनी के दरवाजे खोलनेवाली मर्केल की सरकार के दिन भरने की चर्चा शुरू हुई है|

‘ख्रिश्चन सोशल यूनियन’

पिछले हफ्ते में ही जर्मनी के अंतर्गत रक्षामंत्री सिहोफर ने शरणार्थियों को जर्मनी की सरहद पर ही रोकने के ‘मास्टर प्लान’ की घोषणा की थी| जर्मनी में दाखिल हुए और संभाव्य शरणार्थियों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका लेनेवाली इस योजना को मर्केल ने जोरदार विरोध किया था| लेकिन इस मुद्दे को जर्मन जनता का समर्थन मर्केल के खिलाफ गया है, ऐसा विविध परीक्षणों से सामने आ रहा है| सत्तारूढ़ मोर्चे के सहकारी पार्टी ने भी अपनी मॉंगों पर निश्चित रहने की चेतावनी दी है|

‘ख्रिश्चन सोशल यूनियन’ (सीएसयू) की सोमवार को बैठक संपन्न हुई |इस बैठक के पहले पार्टी के प्रमुख और देश के अंतर्गत रक्षामंत्री सिहोफर ने जर्मन दैनिक में लिखे लेख में मर्केल की आलोचना की है| जर्मनी की शरणार्थियों की समस्या अत्यंत गंभीर बन चुकी है ऐसा कहकर महीने के आखिर में होने वाली यूरोपियन संघ की बैठक में समाधान निकलना ही चाहिए, इन शब्दों में निर्णायक चेतावनी दी| संघ की बैठक में एकमत नहीं हुआ तो जर्मन सरहद से शरणार्थियों को वापस भेजने के एकतरफा फैसले का ऐलान किया जाएगा , ऐसे सिहोफर ने संकेत दिए है|

‘ख्रिश्चन सोशल यूनियन’

जर्मनी में पिछले तीन सालों से लगातार घुसपैठ करनेवाले अवैध शरणार्थियों की वजह से देश की अवस्था ख़राब हो रही है और अपराध तथा अन्य सामाजिक समस्याएँ हाथ से बाहर गईं हैं, ऐसा चित्र दिखाई दे रहा है| इसपर तीव्र प्रतिक्रिया जर्मन जनता से आ रही है| मर्केल को होनेवाला विरोध दिन प्रति दिन तीव्र रूप धारण कर रहा है| मर्केल के ‘ख्रिश्चन डेमोक्रेटिक यूनियन’ पार्टी के संसद सदस्य भी नाराजगी जता रहे है|

संसद की महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य ‘ख्रिश्चन डेमोक्रेटिक यूनियन’ पार्टी के ‘काई व्हिटेकर’ इस संसद सदस्य ने, मर्केल की स्थिति कमजोर बन गई है, ऐसा स्पष्ट किया है| उसी समय आने वाले कुछ दिनों में जर्मनी में शायद बदलाव दिखाई दे सकते है, ऐसा कहकर मर्केल को सत्ता छोडनी पड़ सकती है, ऐसे संकेत भी दिए हैं|

जर्मनी की सहकारी पार्टियों ने दी निर्णायक चेतावनी की पृष्ठभूमि पर मर्केल ने यूरोपीय नेताओं के साथ मुलाकात करना शुरू किया है| सोमवार को मर्केल इटली के नए प्रधानमंत्री ‘गिसेप कांटे’ से मुलाकात करनेवाले हैं और मंगलवार को फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन के साथ चर्चा करने वाली है|

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