सीरिया के निर्माण के लिए जर्मनी और फ़्रांस अमरिका का साथ छोड़कर रशिया के साथ सहकार्य करे – रशिया का यूरोपीय देशों के सामने प्रस्ताव  

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मॉस्को – ‘यूरोपीय देशों को हमेशा अमरिका के सामने झुकने की आवश्यकता नहीं है’,ऐसा कहकर जर्मनी और फ़्रांस ने अमरिका के साथ सहकार्य से बाहर निकलना चाहिए, ऐसा रशिया ने प्रस्ताव दिया है। सीरिया के पुनर्निर्माण के लिए और शरणार्थियों को वापस सीरिया में रवाना करने के लिए जर्मनी और फ़्रांस ने अमरिका के साथ सहकार्य तोड़कर रशिया की कोशिश को सहकार्य करें, ऐसा रशिया ने यूरोपीय देशों को प्रस्ताव दिया है। इसके लिए रशिया, जर्मनी और फ़्रांस के राष्ट्रप्रमुखों की स्वतंत्र बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव भी रशिया ने दिया है।

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कुछ दिनों पहले रशिया ने अमरिका के डॉलर को हटाकर यूरोपीय देशों के सामने ‘यूरो’ के माध्यम से व्यापार करने का प्रस्ताव रखा था। पिछले कुछ महीनों से चल रहे व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि पर, अमरिका ने यूरोप और रशिया पर लगाए प्रतिबंधों को प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने यूरो में व्यवहार करने का सुझाव दिया था। रशियन नेताओं ने ‘यूरो’ का इस्तेमाल रशिया और यूरोपीय साझेदार देशों के लिए लाभदायक साबित होगा। इस वजह से यूरो का आरक्षित मुद्रा का स्थान मजबूत होगा, ऐसा रशिया ने दावा किया है।

रशिया के इस प्रस्ताव को एक हफ्ता भी पूरा नहीं हुआ है और सीरिया के बारे में रशिया ने यूरोप के दो प्रमुख देशों के सामने प्रस्ताव रखा है। रशिया ने सीरिया के लिए नियुक्त किए हुए प्रतिनिधि ‘विटली नौमकिन’ ने जर्मनी और फ़्रांस के नेताओं के साथ हाल ही में चर्चा की है। इस चर्चा में यूरोपीय देश सीरिया के मुद्दे पर अमरिका के साथ संबंध तोड़ दे, ऐसा नौमकिन ने कहा है।

‘सीरिया की अस्साद राजवट को हटाते हुए इस जगह पर नर्म अस्साद विरोधकों को सत्तापर बिठाएंगे, ऐसा लग रहा हो तो यह आपका कल्पनाविलास है। क्योंकि ऐसा हुआ तो दूसरे ही पल कट्टरपंथी सीरिया किस सत्ता को छीन लेंगे और गले चीरना शुरू करेंगे’, ऐसी चेतावनी नौमकिन ने दी है। इस वजह से सीरिया का यह संघर्ष टालना है तो जर्मनी और फ़्रांस रशिया का साथ दे और इसके लिए अमरिका के साथ सहकार्य तोड़ दे, ऐसी नौमकिन ने मांग की है।

रशिया के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन, जर्मनी की चांसलर अँजेला मर्केल और फ्रांस  के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन के बीच तुर्की में सीरिया के सन्दर्भ में बैठक आयोजित करने की नौमकिन ने घोषणा की है। इस बारे में पुतिन और मर्केल के बीच अगस्त महीने में चर्चा हु थी। सीरिया का पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो शरणार्थियों की संख्या यूरोप में बढ़ सकती है, ऐसी चेतावनी देकर पुतिन ने मर्केल को सीरिया के लिए सहकार्य करने का आवाहन किया है।

दौरान, रशिया के इस प्रस्ताव पर जर्मनी ने कोई भी प्रतिकिया नहीं दी है। लेकिन ईरान के साथ का परमाणु अनुबंध और अमरिका के साथ के व्यापार के मुद्दे पर रशिया और जर्मनी की भूमिका समान है। फ्रांस  ने सीरिया के बारे में रशिया के साथ की बैठक में अनुपस्थित रहने की घोषणा की है।

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