जर्मनी का ईरान के परमाणुओं को विरोध, लेकिन परमाणु अनुबंध को समर्थन – जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल

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जेरुसलेम/वॉशिंगटन – ईरान को किसी भी हालत में परमाणु से सज्ज होने नहीं देंगे, इस इजराइल की भूमिका से हम सहमत हैं, ऐसा इजराइल के दौरे पर गई जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल ने घोषित किया है।उसीके साथ ही ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल के निर्माण को भी विरोध घोषित किया है। लेकिन परमाणु सज्ज ईरान को रोकने के लिए जर्मनी और इजराइल ने अपनाया हुआ रास्ता अलग है, ऐसा कहकर मर्केल ने ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध का समर्थन किया है।मर्केल की इस भूमिका की वजह से ईरान के मुद्दे को लेकर इजराइल और जर्मनी के बीच निर्माण हुआ तनाव कायम है।

दो दिनों पहले  फ़्रांस  ने अपनी ईरान विषयक भूमिका में बदलाव होने के स्पष्ट संकेत दिए थे।ईरान की परमाणु सज्जता का विरोध करके फ़्रांस में स्थित ईरान की गुप्तचर यंत्रणा के जासूसों को फ्रेंच पुलिस ने गिरफ्तार किया था।इस वजह से मर्केल के इस इजराइल दौरे की तरफ देखा जा रहा था। फ़्रांस की तरह जर्मनी की भी ईरान विषयक भूमिका में बदलाव होता है क्या, इस बात की तरफ इजराइली मीडिया का ध्यान लगा था। इस वजह से इजराइल के एक दिन के दौरे पर गई मर्केल और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू के बीच होने वाली चर्चा की तरफ उत्सुकता से देखा जा रहा था।

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लेकिन ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध के बारे में जर्मनी अपनी भूमिका पर कायम है, ऐसा मर्केल ने नेत्यान्याहू के साथ हुई भेंट में स्पष्ट किया है।इजराइल के अस्तित्व को नकारने वालों को तीव्र विरोध करना यह जर्मनी की नैतिक जिम्मेदारी है, ऐसा मर्केल ने कहा है। सीरिया और लेबेनॉन में ईरान का लष्करी अस्तित्व इजराइल की सुरक्षा के लिए खतरनाक होने की आलोचना भी मर्केल ने की है। ‘वही ईरान को परमाणु से सज्ज होने से रोकने के लिए कोई भी भूमिका अपनाने के इजराइल के मत से जर्मनी सहमत है। लेकिन इसके लिए इजराइल ने अपनाए रास्ते के बारे में जर्मनी एकमत नहीं है’, इस बात को मर्केल ने स्पष्ट किया है।

अमरीका के दौरे पर गए जर्मनी के विदेश मंत्री ‘हैको मास’ ने भी ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल निर्माण को तीव्र विरोध किया है। परमाणु और मिसाइलों से ईरान को दूर रखना, यही अमरिका और यूरोपीय देशों का सामान उद्देश्य है, ऐसा मास ने अमरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ के साथ हुई बैठक में कहा है। लेकिन अमरिका और जर्मनी ने इसके लिए अपनाया हुआ रास्ता अलग है, ऐसा मास ने कहा था ।

दौरान, पिछले हफ्ते इजराइल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में पश्चिमी देशों ने ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध की आलोचना की थी। अमरिका के राष्ट्रार्ध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने परमाणु अनुबंध से बाहर निकलकर ईरान पर लगाए प्रतिबंधों का नेत्यान्याहू ने स्वागत किया। साथ ही ‘ईरान को बचाने वाले यूरोपीय नेताओं ने इतिहास से कुछ सबक नहीं लिया है’, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा है।यूरोपीय नेता नींद से जागेंगे क्या, ऐसा सवाल करके नेत्यान्याहू ने यूरोपीय देश ईरान के साथ सहकार्य न करे, ऐसी सलाह दी थी।

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