ईंधन के दाम १०० डॉलर्स तक जाएंगे – अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के साथ दुनिया के प्रमुख ईंधन कंपनियों की चेतावनी

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लंडन/वॉशिंग्टन – सोमवार को ईंधन के दामों में लगभग २ प्रतिशत उछाल हुआ है और वह ८० डॉलर्स तक पहुंचा है। इस उछाल की वजह से ईंधन के दाम नवंबर २०१४ के बाद सर्वोच्च स्तर पर जाकर पहुंचे हैं। दामों में हो रहा यह उछाल आगे चलकर कायम रहेगा और २०१९ वर्ष की शुरुआत तक प्रति बैरल १०० डॉलर तक पहुंचेंगे, ऐसी चेतावनी ईंधन क्षेत्र की कंपनियों से दी जा रही है।

अमरिका ने ईरान पर जारी किए प्रतिबंध और उसकी वजह से ईरान के ईंधन निर्यात पर होने वाले परिणाम, की तीव्र प्रतिक्रिया पिछले हफ्ते में ओपेक की बैठक में उमड़ी है। ओपेक संघटना के महासचिव मोहम्मद सैंसुइ बर्किंदो ने ओपेक के सभी सदस्य देश एकजुट रखें और ईरान का समर्थन करना आवश्यक है, ऐसा आवाहन भी किया है। उस समय ईरान को विकल्प ढूंढने के लिए किए दावे से इनकार किया है। ईरान ने भी ईंधन व्यापार करने वाले सभी देशों को आगे चलकर अपने साथ व्यापार शुरू रखने की विनती की थी।

पर ईरान एवं ओपेक के महासचिव ने किए चुनौती पर अधिक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अमरिका ने दिए धमकी का प्रभाव आज भी कायम दिखाई दे रहा है। जिसकी वजह से जागतिक स्तर पर शुरू इस व्यापार युद्ध और चलन के मूल्यों में होने वाली गिरावट के परिणाम अंतर्राष्ट्रीय वित्त व्यवस्था पर उमड़ने शुरू हुए हैं।

सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दामों में लगभग २ प्रतिशत से अधिक उछाल हुआ है। इस उछाल की वजह से इनके दामों में २०१४ वर्ष के बाद पहली बार प्रति बैरल ८० डॉलर्स तक उछले है। पहले स्तर में हुए व्यवहारों में कच्चे तेल के दाम ८०.९४ डॉलर प्रति बैरल दर्ज हुआ है। अमरिकी बाजार में ईंधन के दाम २ प्रतिशत उछाले हैं। जिसमें प्रति बैरल १.२५ डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। फिलहाल अमरिकी बाजार में कच्चे तेल के दाम ७२ डॉलर्स तक गए हैं।

अमरिका ईरान पर नए प्रतिबंध जारी करेगा और वह नवंबर महीने से कार्यान्वित होनेवाले है। इस प्रतिबंधों की वजह से ईरान की ईंधन निर्यात में प्रतिदिन १५ से २० लाख बैरल्स गिरावट हो रही है, ऐसा माना जा रहा है। यह गिरावट संभलना संभव ना होने से वर्ष के आखिर तक कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल ९० डॉलर्स तक पहुचेंगे, ऐसा अंदाजा मरक्युरिया और ट्रैफिगुरा इन कंपनियों ने किया है। अमरिका के बैंकिंग क्षेत्र में अग्रणी की कंपनी जेपी मॉर्गन चेस ने भी इस संभावना को समर्थन दिया है।

सिंगापुर में हुए ओपेक की बैठक के दौरान ईंधन कंपनियों ने नये साल की शुरुआत में कच्चे तेल के दाम १०० डॉलर प्रति बैरल तक बढेंगे, ऐसा सूचित किया है। कुछ महीनों पहले खाड़ी क्षेत्र में शुरु संघर्ष के पृष्ठभूमि पर ईंधन के दाम १५० से २०० डॉलर प्रति बैरल तक भड़क सकते है, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों से दी जा रही है।

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