‘क्वाड’ के नौसेना युद्धाभ्यास से चीन की चिंता में बढ़ोतरी

malabar-2020नई दिल्ली – भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन ‘क्वाड’ देशों के ‘मलाबार २०२०’ युद्धाभ्यास की शुरूआत हुई है। बंगाल की खाड़ी में हो रहे इस पहले चरण के युद्धाभ्यास में चारों ‘क्वाड’ देशों के प्रमुख युद्धपोत एवं पनडुब्बियां भी शामिल हुई हैं। साथ ही अंड़मान-निकोबार द्विप पर भारतीय रक्षाबलों के संयुक्त कमांड़ ने भी गुरूवार के दिन विशेष युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। बंगाल की खाड़ी एवं मलाक्का की खाड़ी के करीब आयोजित इन युद्धाभ्यासों की वजह से चीन काफी बेचैन हुआ है। चीन को अलग-थलग करने के कुटील उद्देश्‍य से इन युद्धाभ्यासों का आयोजन होने की आलोचना चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के मुखपत्र ने की है। तभी यह युद्धाभ्यास इस क्षेत्र की अस्थिरता बढ़ानेवाले ना हों, यह उम्मीद चीन के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की है।

malabar-2020हिंद महासागर और मलाक्का की खाड़ी से कुछ दूरी पर ‘मलाबार २०२०’ युद्धाभ्यास हो रहा है। यह युद्धाभ्यास दो चरणों में होगा और पहले चरण में ‘क्वाड’ सदस्य भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन चारों देशों की नौसेनाओं के समन्वय और समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करने से संबंधित अभ्यास हो रहा है। इस युद्धाभ्यास में भारत के रणविजय, शिवालिक, सुकन्या, शक्ति नामक युद्धपोतों के साथ ‘सिंधूराज’ पनडुब्बी शामिल हुए है। वहीं, अमरीका की प्रमुख यूएसएस जॉन मॅक्केन, ऑस्ट्रेलिया की एचएमएएस बॅलार्ट और जापान की ‘ओनामी’ युद्धपोत शामिल हुए हैं। इसके अलावा भारतीय नौसेना के ‘पी८आय’, डॉर्नियर विमानों के साथ सी किंग हेलिकॉप्टर्स भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे हैं। इस युद्धाभ्यास का दूसरा चरण अरब सागर में होगा। इस चरण के युद्धाभ्यास में भारत, अमरीका और जापान के विमानवाहक युद्धपोत भी शामिल होंगे।

बंगाल की खाड़ी में हो रहे इस युद्धाभ्यास के दौरान ही अंडमान-निकोबार द्विप पर भारत के रक्षाबलों ने स्वतंत्र युद्धाभ्यास किया। इस युद्धाभ्यास में भारत के तीनों रक्षाबलों ने अपनी समन्वय की क्षमता का दर्शन कराया। भारत के सागरी सीमा के द्विपों पर शत्रु देश ने हमला किया तो इसका मुकाबला कैसे करना है, इसका अभ्यास भी इस दौरान किया गया। इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना के ‘एम्फिबियस’ युद्धपोत से टैंकों को अंड़मान-निकोबार द्विपों पर उतारा गया। तभी नौसेना के विशेष दल ने इस युद्धपोत से बाहर निकलकर शत्रुसेना पर हमला करने का अभ्यास किया। इसके अलावा हेलिकॉप्टर्स से उतरा सेना का विशेष दल और विमानों से उतरे पैराट्रूपर्स इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए थे।

malabar-2020‘क्वाड’ संगठन या सदस्य देशों के समावेश वाला ‘मलाबार’ युद्धाभ्यास किसी भी देश के विरोध में ना होने की बात भारत ने पहले ही स्पष्ट की थी। फिर भी बीते छह महीनों से लद्दाख में ‘एलएसी’ पर चीन के साथ निर्माण तनाव की पृष्ठभूमि पर भारत ने इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया है, यह आलोचना चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने की है। चीन को अलग-थलग करने के लिए यह युद्धाभ्यास खोखला है, यह दावा चीनी मुखपत्र ने किया। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव के विरोध में आयोजित किए गए इस युद्धाभ्यास का चीन पर थोड़ासा भी असर नहीं होगा, यह बयान भी इस मुखपत्र ने किया है। चीन ऊपर से कितने भी दावे कर रहा हो, फिर भी ‘क्वाड’ के सहयोग से चीन काफी हद तक असुरक्षित महसूस कर रहा है यह संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसमें भी ‘क्वाड’ के सहयोग को लेकर भारत ने दिखाई सक्रियता चीन की चिंता में बड़ी बढ़ोतरी करनेवाली बात साबित हुई है।

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