तालिबान की चपेट से निकलने हेतु अफगानियों की पासपोर्ट पाने के लिए जानतोड़ कोशिशें

काबुल – शनिवार को अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत ने पासपोर्ट जारी करने की घोषणा की। उसी के साथ तालिबान की चपेट से निकलने के लिए सैकड़ों अफगानियों ने पासपोर्ट के लिए लंबी-लंबी कतारें लगाई हैं। इस भीड़ का फायदा उठाकर तालिबान विरोधी आतंकवादी घातपात मचा सकते हैं। लेकिन यह खतरा मोलकर भी अफगानी, पासपोर्ट प्राप्त करके यह देश छोड़ने के लिए जानतोड़ कोशिश कर रहे हैं। यह बात यही दर्शा रही है कि अफगानिस्तान की जनता का तालिबान पर से तथा इस देश के भविष्य से विश्वास खत्म हुआ है।

पासपोर्टअगस्त महीने में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद हज़ारों अफगानी नागरिक यह देश छोड़ जाने की कोशिश में थे। इसलिए काबुल अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा तथा अफगानिस्तान की सीमा पर अफगानियों की भीड़ भारी मात्रा में बढ़ी थी। २० साल बाद अफगानिस्तान की सत्ता में आए तालिबान से कुछ खास उम्मीद ना होनेवाले अफगानी, पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए कोशिशें कर रहे थे। लेकिन तालिबान ने पासपोर्ट कार्यालय की सेवा बंद करने के बाद हजारों अफगानियों की निराशा हुई थी।

लेकिन शनिवार को, तालिबान के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने राजधानी काबुल में पासपोर्ट कार्यालय की सेवा शुरू करने का ऐलान करने के बाद, फिर एक बार अफगानियों ने सैकड़ों की संख्या में भीड़ मचाई है। कुछ अफगानियों ने वैद्यकीय कारण देकर, देश से बाहर निकलने के लिए आवेदन पत्र भरा है। वहीं, कुछ अफगानियों ने, पहचान सार्वजनिक न करने की शर्त पर खुलेआम, तालिबान की चपेट से निकलने के लिए वे कोशिश कर रहे होने की कबूली दी। काबुल कार्यालय के बाहर जमा हुई अफगानियों की इस भीड़ पर नियंत्रण रखना तालिबान के लिए मुश्किल बना है।

पासपोर्टइस भीड़ का फायदा उठाकर तालिबान विरोधी आईएस-खोरासन के आतंकी, आत्मघाती हमला अथवा विस्फोट करवा सकते हैं, ऐसी चेतावनी तालिबान के नेता अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों को बता रहे हैं। साथ ही, अफगानी नागरिक सहयोग ना कर रहे होने की आलोचना भी तालिबान के नेता कर रहे हैं। लेकिन पासपोर्ट हासिल करना अपने लिए अहम होकर, इसके लिए हमें जान की भी परवाह नहीं है, ऐसा अफगानी युवाओं का कहना है।

बता दें, अफगानिस्तान में बनी अपनी हुकूमत अफगानी जनता के विश्वास पर आधारित होने का दावा तालिबान ने अगस्त महीने में किया था। अफगानी महिलाओं ने तालिबानी हुकूमत के समर्थन में जुलूस निकाला होने के फोटोग्राफ्स और वीडियो, तालिबान के कब्ज़े में गए अफगानी तथा पाकिस्तानी माध्यमों ने जारी किए थे। लेकिन अफगानिस्तान की जनता का तालिबान पर भरोसा नहीं रहा है, यह बात पासपोर्ट के लिए लगी कतारों से सामने आ रही है।

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