पाकिस्तान की नई सरकार से भयंकर निराशा – जनता के साथ अब सरकार समर्थक भी विरोध में

इस्लामाबाद: केवल पांच महीनों में पाकिस्तान की नई सरकार ने कडी निराशा की है, इन शब्दों में इस सरकार के समर्थक ही अपनी भावना व्यक्त करने लगे है| आर्थिक नीति, विदेश नीति और विकास इन सभी मोर्चों पर प्रधानमंत्री इम्रान खान इनकी सरकार असफल हुई है और अगने ढाई से तीन महीनों में यह सरकार पाकिस्तानी जनता को भयंकर स्थिति में लेकर जाएंगे, यह इशारा विश्‍लेषक दे रहे है| ऐसे लापरवाह सरकार का समर्थन करके हमने काफी बडी भूल की है, यह भी विश्‍लेषक कबूल कर रहे है|

पाकिस्तान, नई सरकार, भयंकर, निराशा, जनता, सरकार समर्थक, विरोध, में‘नया पाकिस्तान’ का नारा देकर इम्रान खान ने पाकिस्तान में सत्ता बनाई थी| नया पाकिस्तान भ्रष्टाचार से मुक्त रहेगा और इसमें गरीबों का विचार करके निर्णय किया जाएगा, यह गवाही इम्रान खान इन्होंने दी थी| लेकिन पिछले पांच महीनों का कारोबार देखा जाए तो इम्रान खान इनकी सरकार ने कडी निराशा की है, यह आलोचना विश्‍लेषक हसन निसार इन्होंने की है| इम्रान खान इनका समर्थन करके हमने काफी बडी गलती की थी, यह स्पष्ट तौर पर उन्होंने कबूल किया है| पाकिस्तान के विकास की योजना अपने पास तैयार होने का दावा खान और उनके समर्थकों ने किया था| इस पर हमने भरोसा रखा था| लेकिन, ऐसी कोई भी योजना उनके पास तैयार नही है, यह सत्ता पर आने के बाद स्पष्ट हुआ, इस ओर निसार इन्होंने ध्यान आकर्षित किया|

अगले कुछ महीनों में पाकिस्तान को पहले लिए कर्ज की किश्ते चुकाने होंगे| इसके लिए इम्रान खान इन्हें महसूल बढाने के लिए कडे निर्णय करने होंगे| इस वजह से पहले ही महंगाई से परेशान हुई पाकिस्तानी जनता पर बना भार और भी ज्यादा तादात में बढेगा| ऐसी स्थिति में भी इम्रान खान किसी भी प्रकार की योजना नही बना रहे है, ऐसी आलोचना अन्य कुछ विश्‍लेषक कह रहे है| बल्कि, इम्रान खान इनके पास पाकिस्तान को कर्ज के चंगूल से बाहर निकालकर विकास के राह पर आगे ले जाने के लिए कोई योजना ही नही है, ऐसे आरोप जोर पकड रहे है|

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज प्राप्त किए बिना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बचना मुमकिन नही, ऐसा इस देश के अर्थ शास्त्री इशारा दे रहे है| मुद्रा कोष से कर्जा प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान को अमरिका का कहना मानना ही होगा, इसके अलावा कोई भी विकल्प नही बचा, इसका एहसास भी विश्‍लेषक करा रहे है| लेकिन इम्रान खान इन्होंने ऐंठ दिखाकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने की आलोचना पर प्रत्युत्तर दिया था| साथ ही कर्ज के लिए मुद्रा कोष की शर्थों का स्वीकार नही करेंगे, यह ऐलान भी उन्होंने किया था| इस वजह से अगले कुछ ही महीनों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गिरने की स्थिति तक पहुंची है, ऐसा अर्थ शास्त्री कह रहे है|

लेकिन, संयुक्त अरब अमिरात और सउदी अरेबिया इन देशों से कर्ज प्राप्त करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस कर्ज की वजह से अपना देश खडा रहेगा, यह दावा कर रहे है| लेकिन, यह कर्ज भी प्रधानमंत्री इम्रान खान इनकी वजह से प्राप्त नही हो रहा है, बल्कि पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख की वजह से प्राप्त हो रहा है, ऐसे आरोप होना शुरू हुआ है| सउदी और अमिराती से प्राप्त हो रहे कर्ज के बदले में पाकिस्तान लष्कर को कुछ तो चुकाना पडेगा, यह तर्क भी इन आरोपों के पीछे है|

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