आतंकियों की आर्थिक सहायता एवं वित्तीय कदाचार के मुद्दे पर ‘यूएई’ को ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करने के ‘एफएटीएफ’ के संकेत

पैरिस/दुबई – आतंकियों को प्रदान हो रही आर्थिक सहायता एवं वित्तीय कदाचार के मुद्दे पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का समावेश ‘ग्रे लिस्ट’ में करने के संकेत दिए गए हैं। ‘फायनान्शियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की अगले महीनें होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर निर्णय हो सकता है, ऐसी खबर अमरिकी वेबसाईट ने जारी की है। ‘यूएई’ खाड़ी क्षेत्र में प्रमुख अर्थव्यवस्था है और पिछले कुछ वर्षों में यह ‘फायनान्शियल हब’ के तौर पर उभर रहा है। इस पृष्ठभूमि पर ‘एफएटीएफ’ की इस संभावित कार्रवाई का समाचार सामने आना सनसनी निर्माण कर रहा है।

‘यूएई’ को ‘ग्रे लिस्टअप्रैल २०२० में ‘एफएटीएफ’ द्वारा जारी रपट में मनी लौण्डरिंग से संबंधित कानून और कारोबार को संभालने के लिए ‘यूएई’ ने पर्याप्त सुधार ना करने का आरोप लगाया था। इसके बाद के दौर में ‘यूएई’ ने कुछ अहम कदम उठाए थे। इसमें ‘ऑफिस फॉर एण्टी-मनी लौण्डरींग ऐण्ड काऊंटर टेररिस्ट फायनान्सिंग’ का गठन एवं आर्थिक अपराधिक मालमों को संभालने के लिए स्वतंत्र अदालतों का निर्माण करने जैसे प्रावधानों का समावेश था। ‘यूएई’ के वरिष्ठ अधिकारी हमीद अल-ज़ाबी ने गवाही दी है कि, हमारा देश अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के दायरे में रहकर सभी निकष एवं नियमों का पालन करने के लिए वचनबद्ध है।

यूएई’ पिछले कुछ वर्षों के दौरान खाड़ी क्षेत्र की प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आया है। र्इंधन के भंड़ारों के जोर पर अर्थव्यवस्था मज़बूत करनेवाले इस देश ने पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय केंद्र के रूप में स्वतंत्र स्थान निर्माण किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई शीर्ष बहुराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं ने ‘यूएई’ में प्रादेशिक मुख्यालय शुरू किए हैं। प्रगत तकनीक, अंतरिक्ष एवं पर्यटन के क्षेत्र में भी यूएई खाड़ी क्षेत्र का प्रमुख देश बनकर उभरा है। २०२० में ‘यूएई’ ने इस्रायल के साथ संबंध स्थापित करने के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे।

इस पृष्ठभूमि पर ‘एफएटीएफ’ ने ‘यूएई’ को ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करने के संकेत चौकानेवाली बात है। ‘यूएई’ पर इस तरह से कार्रवाई की गई तो देश में हो रहे विदेशी निवेश को बड़ा नुकसान पहुँच सकता है। साथ ही देश के ‘जीडीपी’ में तीन प्रतिशत गिरावट आ सकती है, यह दावा भी किया जा रहा है। इससे पहले ‘एफएटीएफ’ ने विश्‍व के २३ देशों को ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल किया है और इनमें जॉर्डन और तुर्की जैसे देशों का समावेश है।

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