अमरिका के कडे प्रतिबंधों की वजह से ईरान में महंगाई का विस्फोट

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेहरान: पिछले एक साल से अमरिका ने लगाए कर और प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था दलदल में फंसते हुए इस देश में महंगाई भड़क उठी हैं| अनाज की कीमतें ५० से १०० प्रतिशत तक बढ़ने की आलोचना ईरानी जनता कर रही हैं| इस महंगाई पर नियंत्रण करने में ईरान की सरकार असफल साबित होते हुए ईरान के थोक बाजार में अनाज के कमी की अनुभूति होने लगी हैं|

अमरिका ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों को एक साल हो गया हैं| वर्णित प्रतिबंध हटाने के लिए राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिए प्रस्ताव को ईरान ने नामंजूर किया हैं| परंतु इसका सीधा परिणाम ईरान की अर्थव्यवस्था और देश की महंगाई पर होने की नाराजगी ईरानी जनता व्यक्त कर रही हैं| इन प्रतिबंधों के कारण ईरान की मुद्रा ‘रियाल’ का अवमूल्यन होते हुए इस साल के अंत तक ईरान की अर्थव्यवस्था में छह प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल सकती हैं, ऐसी चेतावनी आंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दी हैं|

इस गिरावट का परिणाम ईरान के बाजार पर होते हुए पिछले साल भर में भोजन की कीमतों में भारी मात्रा में वृद्धि हुई हैं| हर महीना २२० डॉलर्स यानी १२ लाख रियाल से अधिक कमाने वाली व्यक्ति को भी ईरान में परिवार का भरण पोषण करने के लिए कठिनाई होने दावा किया जाता हैं| अनाज की कीमतों में लगातार होने वाली वृद्धि जनता को असहाय करने वाली होने का आरोप विशेषज्ञ ने किया हैं|

तीन महीने पहले सप्ताह भर का सामान खरीदने के लिए ७० लाख रियाल खर्च करने पड़ते थे वर्तमान में यही खर्च डेढ़ करोड़ रियाल पर जाने का स्थानीय लोगों का कहना हैं| शुक्रवार को अमरिका के एक डॉलर्स की कीमत ४२ हजार ईरानी रियाल थीं| ऐसे में ‘ब्लैक मार्केट’ में एक डॉलर्स के पीछे एक लाख ४५ हजार डॉलर्स चुकाने पड़ रहे हैं, ऐसा बताया जाता हैं| इसका परिणाम ईरान के बँकिंग क्षेत्र पर हो रहा हैं|

परमाणु कार्यक्रम से संबंधित समझौता करने को तैयार ना होने वाले ईरान की इंधन निर्यात शून्य करने की घोषणा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने की थीं| पिछले साल भर में प्रतिबंधों के कारण ईरान के इंधन निर्यात में प्रतिदिन अढ़ाई लाख ढाई लाख बैरल्स से पॉंच लाख बैरल्स गिरावट हुई हैं| चीन और अन्य कुछ देशों को छोड़कर अनेक देशों ने ईरान से इंधन खरीदना बंद अथवा कम कर दिया हैं| फिर भी ईरान अपनी भूमिका से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं| लेकिन देश की महंगाई कम करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी के पास कोई भी परियोजना नहीं होते हुए भी उनकी सरकार आक्रामकता दिखा रही हैं, ऐसा आक्रोष जनता व्यक्त कर रही हैं| ईरान की जनता, विद्यार्थी, व्यापारी और श्रमिकों ने रस्ते पर उतरकर इस महंगाई का निषेध करते हुए रोहानी सरकार के विरोध में प्रदर्शन शुरू किए हैं| ऐसे में ईरान के अनेक शहरों में रोहानी सरकार के विरोध में असंतोष पनप रहा हैं|

दौरान, ईरान के खामेनी-रोहानी शासन को हम विकल्प दे सकते हैं, ऐसा दावा ईरान से बेदखल हुए और फ्रान्स में आश्रय लिए पीएमओआई की अध्यक्षा ‘मरियम रजावी’ ने हाल ही में किया था| लेकिन इस के लिए उन्हें अमरिका के समर्थन की जरूरत है, ऐसा रजावी ने कहा था|

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