ईरान के ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ की जानकारी देनेवाले को अमरिका देगी डेढ करोड डॉलर्स का इनाम

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/तेहरान: ईरानी सेना का प्रमुख दल समझे जा रहे ‘इस्लामिक रिव्होल्युशनरी गार्ड कोअर’ (आईआरजीसी) के आर्थिक व्यवहारों की जानकारी देनेवाले को डेढ करोड डॉलर्स इनाम देने का ऐलान अमरिका ने किया है| ईंधन व्यापार में होनेवाले ‘आईआरजीसी’ के हाथ की एवं इस दल से चलाई जा रही कंपनियों की जानकारी देनेवाले व्यक्ती को यह इनाम देने का अमरिका ने तय किया है| अमरिका के विदेश विभाग ने इस इनाम का ऐलान किया जा रहा है और इसी बीच कोषागार विभाग ने ईरान के ‘कुदस् फोर्स’ के जरिए हो रही ईंधन की यातायात पर प्रतिबंध जारी किए है|

पिछले कुछ महीनों में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के विरोध में काफी आक्रामकता दिखाकर निर्णय किए है| इसके तहेत उन्होंने ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए है| ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी के साथ ही ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा होनेवाले कई व्यक्ति, संगठन एवं गुटों को इन प्रतिबंधों के जरिए लक्ष्य किया गया है| इन प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्ता को बडा झटका लगने की बात भी स्पष्ट हुई है| अप्रैल महीने में अमरिका ने ‘आईआरजीसी’ को आतंकी संगठन घोषित किया था|

इसके बाद अब फिर से ईरान के लष्करी दल को लक्ष्य करने की कोशिश शुरू हुई है और इसके तहेत डेढ करोड डॉलर्स इनाम का ऐलान किया गया है| अमरिका का विदेश विभाग संदिग्ध अपराधियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए इस तरह इनाम का ऐलान करता रहा है| लेकिन, ‘आईआरजीसी’ पर लगाए इनाम के जरिए पहली बार किसी गुट के विरोध में जानकारी प्राप्त करने के लिए इनाम रखा गया है| ईरान की हुकूमत पर दबाव बनाने के लिए शुरू कोशिशों के हिस्से के तौर पर यह इनाम रखा गया है, यह जानकारी विदेश विभाग के अधिकारी ब्रायन हुक ने दी|

ईरान के विरोध में कार्रवाई करने के लिए अमरिका कडे कदम उठा रही है और ऐसे में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते में किए गए प्रावधानों से पीछे हटने का ऐलान किया| इसके अनुसार इसके आगे ईरान अब और भी प्रगत ‘सेंट्रिफ्युजेस’ का निर्माण करने की तैयारी में है| इन प्रगत सेंट्रिफ्युजेस का निर्माण करने से ईरान और भी तेजीसे युरेनियम संवर्धित कर सकेगा| ऐसे संवर्धित युरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए होता है| ऐसे में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने किया ऐलान यानी ईरान ने परमाणु अस्त्र प्राप्त करने की दिशा में बढाया बडा कदम समझा जा रहा है|

यह ऐलान करते समय वर्ष २०१५ में किया गया परमाणु समझौता बचाने की कोशिश कर रहे यूरोपिय देशों को भी रोहानी ने चेतावनी दी है| यूरोप के हाथ में यह परमाणु समझौता बचाने के लिए महज दो महीने शेष है, यह इशारा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया| यूरोपिय देशों ने ईरान को १५ अरब डॉलर्स की सहायता करने का प्रस्ताव दिया था| लेकिन, ईरान ने यह प्रस्ताव ठुकराया है|

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