यूरो ज़ोन का आर्थिक विकास दर शून्य तक फिसल सकता है – ईसीबी की अध्यक्षा क्रिस्तिन लगार्ड का इशारा

ब्रुसेल्स/बर्लिन/स्टॉकहोम – यूरोप का आर्थिक विकास फिलहाल उम्मीद से कम है। ईंधन की किल्लत के कारण बढ़ती हुई महंगाई यूरोप की अर्थव्यवस्था पर असर कर रही है। इस महंगाई पर काबू पाने के लिए ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक’ (ईसीबी) ने ब्याजदर बढ़ाए हैं, फिर भी आनेवाले समय में महंगाई में अधिक उछाल आएगा, ऐसी चेतावनी ईसीबी की अध्यक्षा क्रिस्तिन लगार्ड ने दी। यूरोप के ईंधन जर्मनी और स्वीडन अगले साल आर्थिक मंदी का सामना करेंगे, यह संभावना भी जतायी जा रही है।

ईसीबीयूरोपिय महासंघ की सेंट्रल बैंक अर्थात ‘ईसीबी’ की अध्यक्षा लगार्ड ने महासंघ की ‘कमिटी ऑन इकॉनॉमिक ऐण्ड मॉनिटरी अफेअर्स’ समिती के सामने बोलते समय यूरोपिय देशों में महंगाई हमारी उम्मीद से अधिक उछलेगी, यह स्पष्ट किया। यूरोपिय देशों पर टूटा यह महंगाई के संकट के लिए लगार्ड ने रशिया ने यूक्रेन पर किए आक्रमण को ज़िम्मेदार बताया।

इस युद्ध की वजह से यूरोपिय देशों के ईंधन की आपूर्ति बाधित हुई। इसी ईंधन पर निर्भर जर्मनी जैसे अन्य यूरोपिय देशों की अर्थव्यवस्था संकट में है। ‘ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन ऐण्ड डेवलपमेंट’ (ओईसीडी) गुट ने भी जर्मनी की अर्थव्यवस्था अगले वर्ष ०.७ प्रतिशत तक सिकुड़ जाएगी, ऐसा कहा है। बढ़ती हुई महंगाई की वजह से अगले साल के पहले छह महीनों में ही स्वीडन को मंदी का सामना करना पड़ सकता है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।

इसी बीच यूरोप के स्लोवाकिया की अर्थव्यवस्था बिखर जाएगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। चेक रिपब्लिक भी बढ़ती महंगाई का शिकार बना है और यहां के नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू किए हैं। आनेवाले समय में यूरोप के अन्य देशों में ऐसी ही स्थिति निर्माण हो सकती है, यह संभावना जताई जा रही है।

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