उइगरवंशियों पर होनेवाले अत्याचारों के मुद्दे पर युरोपीय संसद में चीन के शीतकालीन ओलंपिक्स का बहिष्कार करनेवाला प्रस्ताव पारित

ब्रुसेल्स – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा झिंजिआंग समेत हॉंगकॉंग और तिब्बत में मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी होने के कारण युरोपीय महासंघ के सदस्य देश सन २०२२ में होनेवाले शीतकालीन ओलंपिक के निमंत्रण का स्वीकार ना करें, ऐसा प्रस्ताव युरोपियन संसद ने पारित किया है। पिछले तीन महीनों में यूरोपीय संसद में चीन को दिया यह दूसरा बड़ा झटका है। युरोपीय संसद के प्रस्ताव पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया आई होकर, राजनीतिक उद्देश्य से किया गया यह प्रस्ताव गैरजिम्मेदाराना आचरण का भाग है, ऐसी आलोचना चीन ने की है।

eu-winter-olympics-uyghur-1गुरुवार को स्ट्रासबर्ग में संपन्न हुए युरोपियन संसद के सत्र में, चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा जारी मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका अपनाई गई। युरोपीय संसद ने, चीन द्वारा झिंजिआंग, हॉंगकॉंग और तिब्बत में जारी दमन तंत्र का तीव्र शब्दों में निषेध करके, मानवाधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा डटकर कहा है। इस संदर्भ में एक प्रस्ताव भी ५७८ बनाम २९ मतों से मंज़ूर किया गया। इस प्रस्ताव में, युरोपीय देशों समेत युरोपियन कमिशन तथा महासंघ के नेता और अधिकारी, चीन के शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार करें, ऐसी माँग की गई है।

‘चीन की हुकूमत द्वारा जारी मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे पर बात करना महासंघ के सदस्य देश तथा युरोपियन कमिशन टाल रहे हैं। लेकिन युरोपीय संसद में इस मुद्दे पर एकमत है। जब तक युरोपीय देश इस मुद्दे पर ठोस और आक्रामक भूमिका नहीं अपनाते, हम दबाव को कायम रखेंगे’, इन शब्दों में संसद के वरिष्ठ सदस्य रेनहार्ड बुटिकोफर ने प्रस्ताव का समर्थन किया।

eu-winter-olympics-uyghur-2युरोपियन संसद ने पिछले तीन महीनों में चीन को दिया यह दूसरा बड़ा झटका साबित हुआ है। इससे पहले मई महीने में युरोप की संसद ने महासंघ और चीन के बीच के निवेश समझौते को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया था। चीन ने युरोपीय अधिकारियों पर लगाए प्रतिबंधों के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाने के लिए यह प्रस्ताव पारित किया गया था। उस समय भी संसद में चीन द्वारा मानवाधिकारों का हैंडलिंग और झिंजिआंग में उइगरवंशियों पर यह जा रहे अत्याचार, इन मुद्दों को लेकर तेज़ शब्दों में आलोचना की गई थी।

अब है शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार करने की भूमिका अपनाकर युरोपीय संसद ने चीन के विरोध में अपनी नीति अधिक ही आक्रामक करने के संकेत दिए हैं। युरोपीय संसद की इस आक्रामकता के खिलाफ चीन ने तीव्र नाराजगी व्यक्त करके आलोचना की है। ‘ मानवाधिकारों के मुद्दे का इस्तेमाल करके अन्य देशों के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी करना और खेल की राजनीति इससे चीन का स्पष्ट विरोध है। शीतकालीन ओलंपिक गेम्स के आयोजन में रोड़े अटकाने की कोशिशें राजनीतिक उद्देश्य से हो रहीं होकर, यह गैरजिम्मेदाराना बर्ताव साबित होता है’, ऐसा चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता वँग वेन्बिन ने कहा।

युरोपीय संसद से पहले ब्रिटेन की संसद में भी चीन के शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार करने की माँग की गई है। कनाडा तथा अमरीका के संसद सदस्यों ने भी ऐसी माँग करके, चीन पर दबाव बढ़ाने का आग्रह रखा है। इसके परिणाम दिखाई देने लगे होकर, आनेवाले समय में कई देश चीन में आयोजित इन गेम्स का बहिष्कार करने का फैसला कर सकते हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

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