शरणार्थीयों के मुद्दे पर युरोपीय देशों मे दरार

ब्रूसेल्स: यूरोप में आनेवाले अवैध शरणार्थियों के झुंड कम हुए हैं, फिर भी इस मुद्दे पर यूरोपियन देशों में होनेवाला तनाव प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। गुरुवार एवं शुक्रवार को ब्रुसेल्स में हुई बैठक में यूरोपीय महासंघ के बीच बढ़ती दरार स्पष्ट तौर पर सामने आई है। जर्मनी के चांसलर  ने सदस्य देशों ने अब तक अपनी धारणा नहीं बदली है, इन शब्दों में शरणार्थियों के मुद्दे पर करार करने में असफलता प्राप्त होने की बात स्पष्ट की है।

दरार

युरोपियन महासंघ ने २ दिनों पहले शरणार्थियों को आश्रय देने की भूमिका लेकर, कोटा सिस्टम; जारी किया था। उसके अनुसार महासंघ के सभी सदस्य देशों को मर्यादित संख्या में शरणार्थी स्वीकारना आवश्यक था। पर पूर्व यूरोपीय देशों ने इस पर जोरदार विरोध किया था। महासंघ द्वारा कारवाई का इशारा देकर भी, पूर्व यूरोपीय देशों ने अपनी भूमिका नहीं बदली थी।

गुरुवार से ब्रुसेल्स में शुरू हुए बैठक में यूरोपीय महासंघ, सदस्य देशों में एकता निर्माण करने में सफल होगा ऐसा माना जा रहा था। उसके लिए यूरोपीय महासंघ एवं पूर्व यूरोपीय देशों की स्वतंत्र बैठक आयोजित हुई थी। पर इस बैठक के बाद यूरोपीय देशों में मतभेद कायम होने के बात स्पष्ट हुई है।

पूर्व यूरोपीय देशों ने अपनी धारणा ना बदलने के स्पष्ट संकेत देकर वापस नहीं लौटेंगे, ऐसा कहा है। तथा जर्मनी एवं इटली ने सदस्य देश भूमिका न बदलने की वजह से तीव्र नाराजगी व्यक्त की है। इस पृष्ठभूमि पर महासंघ के प्रमुख डोनाल्ड टस्क ने लिए भूमिका भी विवादास्पद प्रतीत हो रही है। टस्क ने सदस्य देश भूमिका न बदलने की वजह से ‘कोटा पद्धति’ बंद करें, ऐसी सलाह देने वाले पत्र सदस्य देशों ने लिखे थे। उस पर जर्मनी ने तीव्र नाराजगी करके ऐसी भूमिका नहीं स्वीकारी जा सकती, ऐसा स्पष्ट किया है।

दौरान महासंघ द्वारा आने वाले वर्ष के जून महीने तक शरणार्थियों के मुद्दे पर करार करने के लिए प्रयत्न किया जाएगा, ऐसे संकेत दिए हैं।

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