यूरोप को आक्रामक अंतरिक्ष नीति बनाने की ज़रूरत है – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष का आवाहन

पैरिस – ‘अंतरिक्ष क्षेत्र पर उचित नियंत्रण रखना संभव नहीं हुआ तो पूरी सत्ता या संप्रभूता कभी भी नहीं मिलेंगे| अपने स्रोत एवं संसाधनों को काबू में रखने के लिए एवं नए मोर्चों पर कामयाबी हासिल करने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र पर नियंत्रण रखना अहम है’, ऐसा कहकर यूरोप ने आक्रामक अंतरिक्ष नीति तैयार करने की आवश्यकता होने का आवाहन फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने किया|

अंतरिक्ष नीतिविज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं रक्षा क्षेत्र की स्पर्धा के नज़रिये से अंतरिक्ष क्षेत्र काफी अहमियत रखता है| इस क्षेत्र में यदि यूरोप प्रतिद्वंद्वि देशों से पिछड़ता है तो यूरोप की संप्रभूता दांव पर लग सकती है, यह इशारा भी फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने दिया| पिछले महीने ‘यूरोपियन स्पेस एजन्सी’ के प्रमुख ने करीबी दिनों में यूरोप को मानवी अंतरिक्ष मुहिम के लिए कोशिश करनी पडेगी, यह आवाहन किया था| इस पर ध्यान आकर्षित करके मैक्रॉन ने यह मॉंग की कि, यूरोप को अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर अपनी दिशा तय करनी पडेगी|

मंगल ग्रह पर जा रहे अमरीका का रुख करना या स्वतंत्र अंतरिक्ष स्थानक स्थापित करने की कोशिश करने में से एक विकल्प चुनना पडेगा, यह सुझाव भी फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है| यूरोप को सिर्फ प्रमुख देशों से ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी निजी कंपनियों से भी स्पर्धा करनी पडेगी, इसका अहसास भी मैक्रॉन ने कराया| यूरोप की निजी कंपनियों को सरकारी निधि उपलब्ध कराने के विकल्प का भी विचार करना पडेगा, यह सुझाव भी उन्होंने दिया| यूरोपिय महासंघ ने २००७ में ‘स्पेस पॉलिसी’ का ऐलान किया था, फिर भी इसमें उपग्रह छोड़ना, ‘ग्लोबल पोज़िशनिंग सर्विस’ एवं अनुसंधान पर जोर दिया गया है| लेकिन, मानवी अंतरिक्ष मुहिम एवं अंतरिक्ष के हथियारों की स्पर्धा को लेकर यूरोप अन्य देशों से काफी पिछड़ा हुआ दिखाई दिया है| इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष की आक्रामक अंतरिक्ष नीति की मॉंग ध्यान आकर्षित करती है|

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