अमरीकी ‘एमक्यू-९ ड्रोन्स’ खरीद की प्रक्रिया को भारत ने गतिमान किया

नई दिल्ली – इराक, अफ़गानिस्तान, सीरिया, येमन के संघर्ष में प्रभावी साबित हुए अमरिकी ‘एमक्यू-९ड्रोन्स’ की खरीद प्रक्रिया को भारत ने गतिमान किया है। यह ड्रोन खरीदने के लिए भारत ने अमरीका के साथ ३ अरब डॉलर्स का समझौता किया है। इस समझौते के तहत भारत ३० ‘एमक्यू-९ ड्रोन्स’ खरीद रहा है। इनमें से छह ड्रोन्स भारतीय रक्षाबलों में शीघ्र ही शामिल किए जाएंगे। यह समझौता भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा, ऐसा विश्‍वास नौसेना अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं।

mq9-drones‘एमक्यू-९ ड्रोन्स’ की खरीद से संबंधित दोनों देशों के रक्षाबलों ने कई बार अहम बैठक की थी। इस दौरान ‘एमक्यू-९ ड्रोन्स’ की खरीद प्रक्रिया को गतिमान किया गया है। जल्द ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में ‘डिफेन्स ऐक्विज़िशन कौन्सिल’ की बैठक होगी। इस बैठक के लिए रक्षाबलप्रमुक जनरल बिपीन रावत उपस्थित रहेंगे। इस बैठक में इस ‘ड्रोन्स खरीद’ के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय होगा। भारत और अमरीका के बीच हो रहे इस अहम समझौते को दो चरणों में विभाजित किया जाएगा।

समझौता होने के बाद पहले कुछ महीनों में ही अमरीका से भारत को छह ‘एमक्यू-९ ड्रोन्स’ प्राप्त होंगे, ऐसा कहा जा रहा है। इनमें से दो-दो ड्रोन्स सेना, वायुसेना और नौसेना में तैनात किए जाएंगे। अन्य २४ ड्रोन्स तीन वर्षों में खरीदे जाएंगे और इनका तीनों रक्षाबलों में समावेश किया जाएगा, ऐसा माध्यमों ने कहा हैं। इसके कारण ‘एमक्यू-९ ड्रोन्स’ की फैमिली के हर दस ड्रोन्स भारत के सेना, नौसेना और वायुसेना में शामिल किए जाएंगे।

बीते तीन वर्षों से भारत और अमरीका के बीच ‘एमक्यू-९ ड्रोन्स’ से संबंधित समझौता करने के लिए चर्चा हो रही थी। वर्ष २०१७ में भारतीय नौसेना ने ‘एमक्यू-९’ के ‘२२ सी गार्डियन’ आवृत्ति की खरीद करने का निर्णय किया था। लेकिन, वर्ष २०१८ में अमरीका ने ‘एक्यू-९ ड्रोन्स’ की सेना के लिए बनाई आवृत्ती भारत को प्रदान करने की तैयारी दिखाई थी। इसके बाद भारत ने इन ड्रोन्स की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी। कुछ दिन पहले भारत और अमरीका के बीच हुई ‘टू प्लस टू’ चर्चा में भी इस मुद्दे पर चर्चा होने का समाचार है।

जनवरी महीने में अमरीका ने ईरान के जनरल कासेम सुलेमानी को ढ़ेर करने के लिए इसी ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था। इसके बाद इस ‘ड्रोन’ को ‘किलर’ के तौर पर पहचान बनी थी। यह ‘एमक्यू-९’ ड्रोन्स ‘इलेक्ट्रो ऑप्टिकल/इन्फ्रा-रेड़ मल्टी-मोड़ राड़ार, मल्टी-मोड़ मेरिटाईम सर्विलन्स राड़ार, लेज़र डिज़िग्नेटर’ के साथ उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं। यह ड्रोन ‘पी८आय पोसायडान’ और ‘एमएच ६० आर मल्टि रोल’ हेलिकॉप्टर्स से भी अधिक घातक समझे जाते हैं। इस ड्रोन्स के ज़रिए हिंद महासागर क्षेत्र की पनडुब्बियां और विध्वंसकों के ठिकाने की जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी। ‘एमक्यू-९’ ड्रोन्स ४५ हज़ार फीट उंचाई से अपने लक्ष्य को ध्वस्त करने की क्षमता भी रखते हैं। लगातार ३५ घंटों तक उड़ान भरने के साथ ही एड़न की खाड़ी, मलाक्का के समुद्री क्षेत्र से लद्दाख तक के क्षेत्र में शत्रु का पीछा करके यह ड्रोन्स अपने लक्ष्य नष्ट करेंगे, यह बात रक्षाबल के अधिकारी ने कही है।

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