‘डीआरडीओ’ ने किया सबसॉनिक क्रूज़ ‘निर्भय’ मिसाइल का परीक्षण

बालासोर – हज़ार किलोमीटर की मारक क्षमता के परमाणु वाहक सबसॉनिक क्रूज़ ‘निर्भय’ मिसाइल का गुरूवार के दिन परीक्षण किया गया। इस वजह से इस मिसाइल की भारतीय रक्षाबलों के बेड़े में औपचारिक समावेश की राह खुल गई है। इस मिसाईल का बीते अक्तुबर में परीक्षण का कार्यक्रम तय किया गया था। लेकिन, कुछ तकनीकी खराबी के कारण यकायक यह परीक्षण रोका गया था। इसके आठ महीने बाद ‘डीआरडीओ’ ने ‘निर्भय’ मिसाइल का परीक्षण किया है। इस मिसाइल का अभी भारतीय रक्षाबलों के बेड़े में औपचारिक समावेश नहीं हुआ है, फिर भी बीते वर्ष यह मिसाइल चीन की सीमा पर तैनात की गई है।

पूरी तरह से भारतीय निर्माण से बनी ‘निर्भय’ मिसाइल उपग्रहों के नेटवर्क से जुड़े होने से बिल्कुल सटीक हमला करने की क्षमता रखती है। उड़ीसा स्थित बालासोर में सुबह करीबन १०.४५ बजे ‘डीआरडीओ’ ने इस मिसाइल का परीक्षण किया। यह मिसाइल ‘मैक-८’ गति से हमला करने की क्षमता रखती है। भारत की यह परमाणु वाहक सबसॉनिक क्रू्ज़ ‘निर्भय’ मिसाइल कम उंचाई से यात्रा कर सकती है और इससे शत्रु के राड़ार को चकमा देने की ताकत भी यह मिसाइल रखती है।

वर्ष २०१३ से अब तक इस मिसाइल के कई परीक्षण किए गए हैं। बीते वर्ष यह मिसाइल औपचारिक पद्धति से सेना और नौसेना के बेड़े में शामिल करने का कार्यक्रम तय किया गया था। लेकिन, २०२० के अक्तुबर में आयोजित परीक्षण के दौरान कुछ तकनीकी खराबी की वजह से यह परीक्षण रोका गया था। इसके बाद इसका परीक्षण होने के बाद ही ‘निर्भय’ मिसाइल रक्षा बलों के बेड़े में शामिल की जाएगी, ऐसी खबर थी।

लेकिन, रक्षा मंत्रालय ने पहले ही इस मिसाइल का भारतीय रक्षा बलों में औपचारिक समावेश करने के लिए मंजूरी प्रदान की। साथ ही बीते वर्ष लद्दाख के ‘एलएसी’ पर चीन के साथ विवाद बढ़ने पर इस मिसाइल का औपचारिक समावेश करने से पहले ही इसके कुछ मिसाइलें ‘एलएसी’ पर तैनात की गई हैं।

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