जम्मू-कश्मीर को जल्द ही मिलेगा राज्य का दर्जा – कश्मिरी नेताओं के सामने प्रधानमंत्री की घोषणा

नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा समेत प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेंट करके गहराई से चर्चा की। इस समय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा उपस्थित थे। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाली धारा-३७० हटाने के बाद यह केंद्रशासित प्रदेश बना था। लेकिन जम्मू-कश्मीर को जल्द ही राज्य का दर्जा मिलें, ऐसी माँग की जा रही थी। यह माँग प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री ने मान्य की है। डिलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी करके जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लिए जायेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री ने इस बैठक में घोषित किया।

जब धारा-३७० लागू थी, तब कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख ऐसे जम्मू-कश्मीर राज्य के तीन भाग थे। इनमें से कश्मीर घाटी में ४६ विधानसभा चुनाव क्षेत्र, जम्मू में ३७ और लद्दाख में चार विधानसभा चुनाव क्षेत्र थे। वहीं, पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर के लिए २४ विधानसभा चुनाव क्षेत्र रिज़र्व्ड रखे गए हैं। देश में जनसंख्या के अनुसार चुनाव क्षेत्रों की पुनर्रचना अर्थात डिलिमेटेशन किया जाता है। लेकिन धारा-३७० के कारण विशेष दर्जा प्राप्त हुए जम्मू-कश्मीर में काफी सालों से ऐसा डिलिमिटेशन नहीं हुआ था। इस कारण जनसंख्या के अनुपात में जम्मू की जनता को राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा था। लेकिन अब यह परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, ऐसा आश्वासन देकर प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय गृहमंत्री ने, जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव लिए जायेंगे, ऐसी घोषणा की।

बता दें, इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कश्मीर की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के १४ नेता उपस्थित थे। इनमें गुलाम नबी आज़ाद, फारूख अब्दुल्ला और ओमर अब्दुल्ला, मेहबूबा मुफ्ती, मुझफ्फर हुसेन बेग, सज्जाद लोन, निर्मल सिंग, कविंदर गुप्ता, रविंद्र रैना, भीम सिंग इन नेताओं का समावेश है। इन नेताओं ने यह माँग की कि जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलें और विधानसभा चुनाव आयोजित किए जाएँ। प्रशासकीय व्यवस्था यह राजनीतिक व्यवस्था के लिए विकल्प साबित नहीं हो सकती, ऐसा इन नेताओं ने इस बैठक में स्पष्ट किया। यह बात प्रधानमंत्री ने मान्य की।

परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करके जल्द ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव आयोजित किए जाएँगे और लोकायुक्त प्रतिनिधियों द्वारा इस राज्य का कारोबार शुरू होगा , ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री ने ज़ाहिर किया। इसी बीच, इस बैठक से पहले पाकिस्तान में इसकी बहुत बड़ी चर्चा हुई थी। भारत कश्मीर के संदर्भ में बड़ा फ़ैसला करने की तैयारी में होने की चिंता पाकिस्तान के विश्लेषक ज़ाहिर कर रहे थे। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरेशी ने कहा था कि कश्मीर के विभाजन का फ़ैसला हमारा देश बर्दाश्त नहीं कर करेगा।

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