‘क्रिप्टोकरन्सी’ को आधिकारिक मुद्रा का दर्जा न दें – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का इशारा

ब्रुसेल्स – ‘देश की संप्रभुता सुरक्षित रखनी हैं तो क्रिप्टोकरन्सी को आधिकारिक या वैध मुद्रा का दर्जा बिल्कुल भी ना दें। ऐसा करने से संबंधित देश की आर्थिक स्थिरता को खतरा होगा या महंगाई का भारी उछाल होगा’, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दी है। क्रिप्टोकरन्सी को लेकर संबंधित देश सख्त नियम बनाएं, ऐसा आवाहन मुद्रा कोष ने किया है। 

आधिकारिक मुद्रापिछले वर्ष क्रिप्टोकरन्सी के क्षेत्र में हुई उथल पुथल के कारण वैश्विक स्तर पर १.४ ट्रिलियन डॉलर हवां हुए थे। इससे क्रिप्टोकरन्सी के निवेशकों का भारी नुकसान हुआ था। इसके बाद क्रिप्टोकरन्सी के विरोध में कुछ देशों ने सख्त कदम उठाने के संकेत दिए थे। लेकिन, कोई अकेला देश क्रिप्टोकरन्सी पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता, सभी देश इसमें शामिल हुए बिना कामयाबी हासिल नहीं होगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर क्रिप्टो नियंत्रित करने के लिए विकसित देश पहल करें, ऐसा आवाहन ‘जी २०’ की बैठक में किया गया था। अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ही क्रिप्टो के विरोध में पुख्ता भूमिका अपनाता दिख रहा है।

‘क्रिप्टोकरन्सी’ को आधिकारिक या वैध मुद्रा का दर्जा दिया तो इसपर कर एवं जुर्माना वसूलने के लिए अन्य अधिकार क्षेत्रों में शामिल करना आवश्यक होगा। कर्ज का भुगतान करने के लिए भी क्रिप्टो के लिए जगह बनानी होगी। ऐसा हुआ तो संबंधित देशों की अर्थव्यवस्था के लिए बना खतरा बढ़ेगा और आर्थिक स्थिरता भी खतरे में होगी या महंगाई का बड़ा उछाल होगा’, ऐसा इशारा मुद्रा कोष ने हाल ही में जारी किए अपने रपट में दिया है।

कुछ देशों ने क्रिप्टोकरन्सी के खतरे से अपने ग्राहक और निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम बढ़ाने की बात मुद्रा कोष ने स्वीकारी है। लेकिन, पिछले साल क्रिप्टोकरन्सी के क्षेत्र में हुई खतरनाक उथल पुथल के दौरान नुकसान होने के बावजूद इस वर्ष बिटकॉईन को लेकर उत्साह बढ़ने की चिंता मुद्रा कोष ने व्यक्त की है। लेकिन, क्रिप्टो को सामने रखकर सुरक्षा के मज़बूत प्रावधान किए बिना इस क्षेत्र में होनेवाले धोखाधड़ी से बचा नहीं जा सकता। इस वजह से निवेशकों के उम्मीद के ‘रिटर्न’ पर बुरा असर हो सकता हैं, इसका अहसास मुद्रा कोष ने कराया है।

क्रिप्टो की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पारदर्शी और स्पष्ट आर्थिक नीति का दायरा अहम होगा, यह दावा मुद्रा कोष ने किया। साथ ही क्रिप्टोकरन्सी को लेकर सर्वसमावेशक, लगातार और समन्वय बनाने वाली भूमिका ज़रूरी है, यह कहकर विश्व के प्रमुख देश एकत्रित हो, यह आवाहन मुद्रा कोष ने अपनी रपट के ज़रिये किया।

इसी बीच, पिछले कुछ सालों ने दुनियाभर में क्रिप्टो का इस्तेमाल और कारोबार बढ़ रहा हैं। कुछ अर्थव्यवस्थाओं में डिजिटल मुद्रा एवं संपत्ति की निर्भरता अहम साबित होने लगी है। इस पृष्ठभूमि पर मुद्रा कोष क्रिप्टो को आधिकारिक दर्जा बहाल करने को लेकर चेतावनी देता दिख रहा हैं। साथ ही इससे उभरने वाले खतरों पर भी मुद्रा कोष ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

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