‘सप्लाई चेन’ पर हमला होने से नया शीत युद्ध छिड़ सकता है – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन – कोरोना की महामारी और बाद में यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विकीकरण की प्रक्रिया की कमियां दुनिया को ज्ञात हुई हैं। इसके बाद उत्पाद से जुड़ी मौजूदा सप्लाई चेन का विकल्प तलाशने की कोशिश जारी है। इसके लिए ज्यादा कीमत चुकानी पडेगी और यह कीमत विभिन्न देशों के मध्यम वर्ग से वसूली जाएगी। इसका बुरा असर पडेगा। इसकी वजह से नई सप्लाई चेन के लिए काम करते समय इस खतरे का भी शांति से विचार करने की ज़रूरत है, ऐसा बयान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्तलिना जॉर्जिवा ने किया है। वैश्विक उत्पाद केंद्र चीन की सप्लाई चेन को चुनौती देने से नया शीतयुद्ध शुरू होगा, ऐसा बयान जॉर्जिवा अलग शब्दों में पेश कर रही हैं। साथ ही विश्व नया शीतयुद्ध बर्दाश्त नहीं कर पाएगा, यह दावा भी उन्होंने किया। 

‘सप्लाई चेन’तीन दिन पहले ‘जी ७’ देशों के वित्त मंत्रियों की विशेष बैठक हुई थी। अमरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने इसका नेतृत्व किया था। कोरोना वायरस और यूक्रेन युद्ध से प्रभावित वैश्विक सप्लाई चेन के विकल्प के लिए वहां चर्चा हुई थी। इसके लिए विकासशील देशों को साथ लेकर उत्पाद से संबंधित सप्लाई चेना का विकल्प खड़ा करने का प्रस्ताव पेश किया गया।

‘जी ७’ देशों ने स्पष्ट ज़िक्र नहीं किया होगा, फिर भी इस बैठक में चीन की सप्लाई चेन पर निर्भरता घटाने के संकेत दिए गए थे। साथ ही नई सप्लाई चेन का विकल्प तैयार करने की बात भी इस बैठक में तय हुई। दुर्लभ खनिज, सेमीकंडक्टर्स एवं अन्य अहम उत्पादनों के लिए किसी भी एक देश पर निर्भर न रहकर अन्य विकल्प तलाशने का ऐलान इस बैठक में होने की खबरें प्रसिद्ध हुईं थीं।

‘जी ७’ देशों की बैठक में किए गए इस निर्णय पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख जॉर्जिवा ने चिंता जताई। सप्लाई चेन का विकल्प तैयार करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह कोशिश असफल हुई तो इससे स्थिति अधिक बिगड़ेगी और प्रत्येक देश के मध्यम वर्ग को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है, ऐसी चेतावनी जॉर्जिवा ने दी। इसलिए जल्दबाजी से निर्णय न लें और शांत दिमाग से सोचें, यह सुझाव मुद्रा कोष की प्रमुख ने दिया।

भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है और ऐसे में सप्लाई चेन से संबंधित निर्णय लेने का असर वैश्विक व्यापार पर पडेगा। इससे आर्थिक स्थिरता खतरे में पडेगी और आर्थिक उत्पादन में बड़ी कमी आएगी, यह दावा जॉर्जिवा ने किया। पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं जॉर्जिवा भी वैश्विक अर्थव्यवस्था कम विकास दर से प्रगति करेगी, यह इशारा दे रहे हैं। चीन के सप्लाई चेन के खतरे की पृष्ठभूमि पर जॉर्जिवा यह इशारा देती हुईं दिखाई दे रही हैं। 

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