इराक में आयएस ने अपहरण किए हुए ३९ भारतीयों के परिवारों के ‘डीएनए’ नमूने लेने की शुरुआत

नई दिल्ली: ३ वर्षों पहले इराक के मोसुल शहर में आयएस ने अपहरण किए ३९ भारतीयों के रिश्तेदारों के ‘डीएनए’ नमूने लेने के आदेश सरकार ने दिए हैं। उनमें से कुछ भारतीयों के परिवारों के नमूने लेने की जानकारी सामने आई है। अपहृत भारतीयों की ‘आयएस’ आतंकवादियों से हत्या करने के कोई भी सबूत ना होने की बात अब तक कहनेवाले सरकार से आये इस आदेश ने अपहृत भारतीयों के परिवार चिंतित हुए हैं। इराकी सेना ने ‘आयएस’ के कब्जे में लिए अनेक भागों पर फिर से कब्जा प्राप्त करने के बाद, तबाह इमारत के मलबे के नीचे से शव बाहर निकाले जा रहे हैं। तथा आयएस के कारागृह में भी कई शव मिले हैं। इन में भारतीयों के शव की पहचान करने का काम शुरू है और उसके लिए डीएनए नमूने जमा किए जाने का वृत्त है।

‘डीएनए’सन २०१४ में इराक के मोसुल शहर से बाहर रोजगार के लिए गए ४० भारतीयों का अपहरण हुआ था। उनमें एक भारतीय हरजीत मसीह आतंकवादियों के कब्जे से बचके निकला था। उसके बाद उसे भारत में लाया गया था। हरजीत के दावे के अनुसार अन्य ३९ भारतीयों को आयएस आतंकवादियों ने गोली मारकर ढेर किया था। पर सरकार से यह दावा लगातार ठुकराया गया है। इन भारतीयों को ढेर करने के कोई भी सबूत न होने की और वह भारतीय स्वस्थ होने की जानकारी सूत्रों से मिलने की बात विदेश मंत्रालय से अनेक बार कही गई है। कुछ महीनों पहले संसद में भी इन अपहृत भारतीयों के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित किया गया था उस समय विदेश मंत्री सुषमा स्वराजने इस प्रश्न का उत्तर दिया था, सबूतों के सिवाय इन अपहृत भारतीयों के मारे जाने की घोषणा करना, यह पाप हम नहीं करेंगे ऐसा स्वराज निवेदन में कहा था।

तथा यह अपहृत भारतीय स्वस्थ होने की बात कहने वाले सूत्रों ने अधिक खुलासा करने से इनकार किया था। यह अपहृत भारतीयों के कई रिश्तेदारों के अनुसार सरकार से वह समय-समय पर स्वस्थ होने की बात कही जा रही है। अनेक बार आयएस के आतंकवादियों ने उन्हें कहां रखा है, इसकी विस्तृत कल्पना दी गई थी। पर पिछले कई महीनों से सरकार की ओर से यह जानकारी मिलनी बंद होने की बात कही जा रही है। उसी में २ दिन पहले इन अपहृत भारतीयों के परिवारों को अपने डीएनए नमूने देने के आदेश प्रशासन से मिलने से यह अपहृत भारतीय मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।

३९ अपहृत भारतीयों में २९ लोग यह पंजाब के हैं। उनमें से १४ लोगों के परिवारों के डीएनए नमूने अब तक जमा किए गए जाने का वृत्त है। पिछले कुछ समय से इराक एवं सीरिया से आयएस की बड़ी तादाद में वापसी हुई है। इराक में अनेक भागों में लष्कर ने फिर से कब्जा प्राप्त किया है। पर आयएस आतंकवादियों ने इन भागों पर कब्जा छोड़ने से पहले अनेक इमारत को आग लगाया था तथा तबाह करने के वृत्त है। इन इमारत के मलबे के नीचे अनेक शव मिल रहे हैं। आयएस से कारागृह के तौर पर इस्तेमाल होने वाले इमारत में भी अनेक शव मिले हैं। तथा शावागार में भी मृत शरीरों का ढेर पड़ा हुआ है। इनमें से भारतीयों के शव पहचानने का काम शुरु होने का वृत्त है। इस संदर्भ में सरकार इराक और सीरिया में सरकारी यंत्रणा से संपर्क में होने की बात कही जा रही है। जमा किए गए डीएनए नमूने जल्द ही इराक और सीरिया में भेजने की बात कही जा रही है।

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