भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों की हुई चर्चा

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों देशों का रणनीतिक सहयोग अधिक व्यापक करने का निर्धार इस चर्चा के दौरान करने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने कही है। साथ ही क्षेत्रीय मुद्दों पर प्रधानमंत्री मॉरिसन के साथ बातचीत होने की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की है। ‘क्वाड’ देशों के विदेशमंत्रियों की वर्चुअल बैठक का गुरूवार के दिन आयोजन हुआ। इस बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री मॉरिसन के बीच हुई यह चर्चा बड़ी अहमियत रखती है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया

भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्रियों की गुरूवार के दिन वर्चुअल बैठक हुई। इस दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशक रखने का निर्धार व्यक्त किया गया। जनतांत्रिक व्यवस्था, मुक्त बाज़ार और बहुजिनसी समाज व्यवस्था का पुरस्कार करनेवाले देशों की अहमियत भी इस चर्चा के दौरान रेखांकित की गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलहाल जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर जनतांत्रिक देशों का संगठन अधिक मज़बूत करने की आवश्‍यकता है, इस पर भी ‘क्वाड’ के विदेशमंत्रियों की सहमति हुई। इसके साथ ही कोरोना की महामारी, म्यांमार में हुए लष्करी विद्रोह के मुद्दे पर भी ‘क्वाड’ के विदेशमंत्रियों की चर्चा होने की बात कही जा रही है।

इसी बीच, वर्णित बैठक से पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई चर्चा बड़ा ध्यान आकर्षित करनवाली साबित हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की हुई जानकारी के अलावा इस चर्चा का अन्य ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन, फिलहाल ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच जारी विवाद अधिक बिगड़ने की स्थिति में है। दोनों देशों ने एक-दूसरे को सख्त इशारे देकर एक-दूसरे के विरोध में कड़े आर्थिक निर्णय किए है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भारत के प्रधानमंत्री से की हुई इस चर्चा को रणनीतिक अहमियत प्राप्त होने की बात स्पष्ट तौर पर दिख रही है। अमरीका में सरकार बदली है और प्रखर चीन विरोधी डोनाल्ड ट्रम्प के स्थान पर ज्यो बायडेन राष्ट्राध्यक्ष बने हैं। बायडेन चीन से संबंधित उदार नीति अपनाएँगे, ऐसी कड़ी आशंका जताई जा रही है।

बायडेन ने फिलहाल चीन के विरोध में कुछ बयान करके अपनी नीतियों को लेकर बनी आशंका दूर करने की कोशिश की है। बायडेन प्रशासन भी इस मुद्दे पर व्यक्त हो रही आशंका दूर करने की कोशिश कर रहा है। फिर भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन अमरीका के मुठ्ठीभर उद्यमियों के लिए चीन की खुशामद करनेवाली नीति अपनाएँगे, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है। बायडेन का प्रशासन ‘क्वाड’ के सहयोग को प्राथमिकता देने का आश्‍वासन दे रहा है। लेकिन, असल में वह चीन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करेगा, ऐसा निष्कर्ष कुछ विश्‍लेषक दर्ज़ कर रहे हैं। यह संभावना ध्यान में रखते हुए भारत ने जापान और रशिया से सहयोग करके इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता बरकरार रखने के लिए आवश्‍यक गतिविधियां शुरू की है। इसके लिए भारत के साथ सहयोग करने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी उत्सुक होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

चीन के साथ जारी विवाद की वजह से ऑस्ट्रेलिया को काफी बड़ा बाज़ार खोना पड़ा है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ आर्थिक सहयोग व्यापक करने की कोशिश कर रहा है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला खरीदना बंद करने के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया से भारी मात्रा में कोयला खरीदा है। अगले दिनों में यह व्यापारी और रणनीतिक स्तर का सहयोग अधिक मज़बूत करना दोनों देशों के हितसंबंधों के लिए काफी आवश्‍यक है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत से यह बात अधिक तीव्रता से सामने आ रही है।

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