भारत के आत्मविश्वास का सीमा पर दर्शन हुआ – प्रधानमंत्री मोदी का सूचक बयान

मुंबई – भारत आत्मविश्वास से ठूसठूसकर भरा है और सीमा पर के हालात यही दर्शा रहे हैं, ऐसा सूचक बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। लद्दाख की एलएसी पर दस महीनों से जारी तनाव को कम करने के लिए चीन ने सेना वापसी की प्रक्रिया शुरू की है। उसके वीडियोज़ जारी होते समय, प्रधानमंत्री के इस बयान की अहमियत बढ़ी है। नॅसकॉम ने आयोजित किये इस कार्यक्रम को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री ने, देश के आत्मविश्वास की मिसाल देते हुए सीमा पर बनी स्थिति का हवाला दिया।

जिस समय हर एक क्षेत्र कोरोना की महामारी के कारण प्रभावित हुआ था, उस दौर में भी देश के आयटी क्षेत्र ने दो प्रतिशत की दर से विकास किया। कोरोना की महामारी के कारण गिरावट होने की संभावना जताई जा रही थी कि तभी भारत के आईटी उद्योग ने अपने राजस्व में पूरे चार अरब डॉलर की बढ़ोतरी की। यह बहुत ही प्रशंसनीय बात है। महामारी के दौर में लाखों लोगों के लिए नए रोजगार उपलब्ध कराकेे, देश के आईटी क्षेत्र ने यह साबित किया कि वह भारत के विकास के लिए मजबूत आधारस्तंभ है, इन शब्दों में प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र की सराहना की। उसी समय इस क्षेत्र के लिए आवश्यक साहसी फैसले केंद्र सरकार ने किए हैं, इस पर भी प्रधानमंत्री ने गौर फरमाया।

आयटी क्षेत्र के लिए सरकार ने अपनायीं नीतियों का स्वागत हो रहा है। पहले के दौर में मॅप्स तथा जिओस्पेशल डेटा मुक्त करते समय ‘रेड लाईट’ दिखाई जाती थी। इसका सुरक्षा पर असर होगा, ऐसीं चेतावनियाँ दीं जातीं थीं। लेकिन सरकार ने मॅप्स और जिओस्पेशल डेटा मुक्त करने का फैसला किया। इसका आईटी क्षेत्र को बहुत बड़ा लाभ मिल रहा है। इससे यही स्पष्ट हो रहा है कि सुरक्षा को होने वाला वाले खतरे का सामना करने का आत्मविश्वास और क्षमता आज के भारत के पास है। इसी कारण यह फैसला देश के बढ़े हुए आत्मविश्वास का परिचय करा रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री ने आगे कहा।

बंधनों में देश का भविष्य विकसित नहीं हो सकता। इसी कारण सरकार तंत्रज्ञान क्षेत्र के अनावश्यक नियमों को खारिज करने की दिशा में कदम उठा रही है, ऐसा आश्वासन प्रधानमंत्री ने इस समय दिया। आज के दौर में पूरी दुनिया में भारत के तंत्रज्ञान क्षेत्र का जो परिचय है, उसे देखते हुए देश को आईटी क्षेत्र से बहुत बड़ी उम्मीदें निर्माण हुईं हैं। हमारे तंत्रज्ञान अधिक से अधिक मात्रा में ‘मेड इन इंडिया’ हों, यह भी आईटी क्षेत्र ने सुनिश्चित किया है। लेकिन आनेवाले दौर में अपने सोल्युशन्स में भी ‘मेक फॉर इंडिया’ की छवि दिखाई देगी, ऐसी उम्मीद प्रधानमंत्री ने जाहिर की।

भारत यदि जागतिक स्तर पर तंत्रज्ञान क्षेत्र में बढ़त लेना चाहता है, तो उसके लिए संशोधन और संस्थागत विकास की आवश्यकता महसूस होगी। संस्थागत निर्माण पर देश के आर्थिक क्षेत्र को विशेष ध्यान देना होगा, ऐसा संदेश भी इस समय प्रधानमंत्री ने दिया।

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