अमरीका और चीन के वरिष्ठ नेताओं की हवाई द्वीपों में चर्चा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – कोरोना की महामारी, साऊथ चायना सी, हाँगकाँग तथा द्विपक्षीय व्यापार इन जैसे कई मुद्दों पर होनेवाले मतभेदों ने चरमसीमा छू ली है कि तभी अमरीका और चीन के वरिष्ठ नेताओं की भेंट होने की ख़बर सामने आयी है। अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने, चीन पर निरंकुश सत्ता होनेवाली कम्युनिस्ट पार्टी के ‘फॉरेन पॉलिसी चीफ’ यांग जिएची से पॅसिफिक महासागर स्थित हवाई द्वीपों पर भेंट की। कोरोना की महामारी और हाँगकाँग की पृष्ठभूमि पर अमरीका चीन को घेरने की कोशिश कर रही है और ऐसे में हुई यह मुलाक़ात ग़ौरतलब साबित हो रही है।

US-China-Talksपॅसिफिक महासागर स्थित हवाई द्वीपों पर होनेवाले अमरीका के ‘हिकम एअर बेस’ पर अमरीका और चीन के नेताओं के बीच पूरे सात घंटे चर्चा होने की जानकारी दी गयी है। इस मुलाक़ात के लिए सामने से प्रस्ताव आया होने के दावे दोनों देशों के सूत्रों द्वारा किये गए। चर्चा के दौरान विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने, अधिकांश मुद्दों पर आग्रही भूमिका अपनाते हुए चीन पर दबाव डालने की कोशिश की, ऐसा अमरिकी माध्यमों ने दी ख़बर में कहा गया है।

अमरीका और चीन के बीच के संबंध पिछले कुछ महीनों से बहुत ही बिगड़ गये हैं। भारी मात्रा में जीवितहानी करनेवाली कोरोना महामारी के पीछे चीन ही होने के मुद्दे पर अमरीका आक्रमकता से ज़ोर दे रही है। साथ ही, चीन से होनेवाली अमरीका की व्यापारी लूट, साऊथ चायना सी में होनेवालीं हरक़तें, हाँगकाँग, तैवान, उघुरवंशीय इन मुद्दों पर भी अमरीका चीन को घेरने के प्रयास कर रही है। चीन द्वारा भारतीय सीमा पर निर्माण किये जानेवाले तनाव के संदर्भ में भी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने मध्यस्थता के संकेत दिए थे।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ पिछले कुछ महीनों से लगातार चीन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों नेताओं के साथ ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ नेता और अधिकारी भी चीन को लक्ष्य कर रहे हैं। चीन पर राजनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए कुछ बड़े निर्णय भी किये गए हैं। अमरिकी नेताओं के आक्रमक बयान और ट्रम्प प्रशासन द्वारा किये गए निर्णय, इस कारण दोनों देश नये शीतयुद्ध की कगार पर पहुँचे होने के दावे विश्लेषकों द्वारा किये जा रहे हैं।

ऐसी पृष्ठभूमि पर, अमरीका और चीन के वरिष्ठ नेताओं की मुलाक़ात होना महत्त्वपूर्ण साबित होता है। अमरीका के ‘ब्रुकिंग्ज इन्स्टिट्यूशन’ इस अभ्यासगुट के ‘चायना सेंटर’ के प्रमुख चेंग ली ने, इस मुलाक़ात के बारे में मत ज़ाहिर करते समय ‘निक्सन कमिंग टू चायना मोमेंट’ ऐसा कहा है। चीन के साथ किसी भी प्रकार के राजनीतिक संबंध ना होते हुए, सन १९७२ में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष रिचर्ड निक्सन ने चीन का दौरा किया था। उसका संदर्भ पॉम्पिओ और यांग जिएची की मुलाक़ात के साथ जोड़ा है।

अमरीका और चीन इन दोनों देशों के विदेश विभागों ने, पोम्पिओ और जिएची ली मुलाक़ात के संदर्भ में स्वतंत्र निवेदन जारी किये होकर, आनेवाले समय में संवाद बरक़रार रखने पर एकमत होने का दावा किया है। लेकिन अधिकृत स्तर पर उसकी पुष्टि करनेवाली जानकारी प्रकाशित नहीं हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.