ऊर्जा सुरक्षा के लिए भारत को अपने निर्णय लेने की आज़ादी – पेट्रोलियममंत्री हरदीप सिंह पुरी

जयपूर – ‘ओपेक प्लस’ देशों ने ईंधन उत्पादन कम करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय करने की आज़ादी और सार्वभौम अधिकार इन देशों को है। इसका असर निश्चितरूप से दिखाई देगा। लेकिन, भारत इस स्थिति का सक्षमता से सामने करने के लिए समर्थ है, यह विश्वास केंद्रीय पेट्रोलियममंत्री हरदीप सिंह पुरी ने व्यक्त किया। तथा भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाने से हिचकिचाएगा नहीं, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।

‘साऊथ एशिया जिओसायन्स कान्फरन्स’ (जीईओ इंडिया २०२२) का भारत के जयपुर में आयोजन किया गया है। इस परिषद में अमरीका, नॉर्वे, ब्रिटेन समेत अन्य यूरोपिय देशों के भू-विज्ञन विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। तीन दिनों की इस परिषद में नैसर्गिक वायु और तेल से संबंधित अनुसंधान, बदलते विश्व में ऊर्जा संक्रमण पर चर्चा होगी। इस परिषद में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री बोल रहे थे।

भारत भविष्य की ऊर्जा ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए कदम उठा रहा है। यही सोचकर भारत ने अपने ऊर्जा स्रोत में विभिन्नता लाई है। जरुरत पडने पर ऊर्जा स्रोत की विभिन्नता अधिक बढ़ाई जाएगी, ऐसा हरदीप सिंह पुरी ने रेखांकित किया। इस पर बोलते हुए उन्होंने पिछले छह महीनों से भारत द्वारा आयात किए गए ईंधन के आँकड़े सामने रखे। कुछ महीने पहले सौदी अरब भारत का क्रमांक एक का ईंधन की आपूर्ति करनेवाला देश था। अब यह स्थान इराक ने पाया है। कुछ समय तक रशिया भी भारत का दूसरे क्रमांक का ईंधन सप्लायर था। लेकिन, अब सौदी दूसरे क्रमांक का सप्लायर देश है। इसका मतलब भारत अपने निर्णय स्वयं लेता है और ईंधन स्रोत बदलने में हिचकिचाता नहीं, ऐसा पुरी ने कहा।

ईंधन निर्यातक देशों के गुट ‘ओपेक प्लस’ ने हाल ही में प्रति दिन २० लाख बैरल ईंधन उत्पादन घटाने का निर्णय लिया था। इतनी बड़ी कटौती करने के इस निर्णय के बड़े असर दिखाई देने की संभावना है। ईंधन की कीमतें बढ़ेंगीं और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर दिखाई देने की संभावना जताई जा रही है।

लेकिन, ओपेक देशों को उनके निर्णय लेने की आज़ादी है और वह उनका सार्वभौम अधिकार है, ऐसा पुरी ने स्पष्ट किया। लेकिन, इसकी वजह से भारत में ईंधन की कमी नहीं होगी। भारत की ऊर्जा सुरक्षा और किफायती ऊर्जा स्रोत के लिए आवश्यक सभी निर्णय लिए जाएँगे, ऐसा पुरी ने कहा। तथा दूसरे देशों की सरकारों को भारतीय ग्राहकों के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, ऐसा पुरी ने कहा।

भारतीय ग्राहकों को किफायती दाम में ईंधन और ऊर्जा संसाधन उपलब्ध कराना भारत सरकार की ज़िम्मेदारी है। इस वजह से भारत ने इसका विचार करके ईंधन खरीदने के पहले जो निर्णय लिए, उन पर कोई भी पछतावा नहीं है, ऐसा पेट्रोलियममंत्री ने ड़टकर कहा। रशिया से ईंधन ना खरीदने के अमरीका और पश्चिमी देशों के दबाव का भारत शिकार नहीं बना। देश का हित ध्यान में रखकर भारत ने निर्णय लिया, इस पर पुरी ने अप्रत्यक्ष ढ़ंग से ध्यान आकर्शित किया।

पेट्रोलियममंत्री पुरी ने इस दौरान हाल ही में किए अमरीका दौरे में हुई चर्चा का भी दाखिला दिया। तब हमें किसी ने भी रशिया से ईंधन ना खरीदें, ऐसा नहीं कहा। भारत को जिस देश से ईंधन खरीदना है, उससे भारत ईंधन खरीदेगा। क्योंकि, भारत की ईंधन की ज़रूरतें और माँग की मात्रा को ध्यान में लें तो इस तरह की माँग कोई नहीं कर सकता, ऐसा पुरी ने कहा। साथ ही भारत की ईंधन ज़रूरतें अधिक बढ़ेंगी। अगले २० सालों में वैश्विक स्तर पर ईंधन की २५ प्रतिशत माँग भारत से होगी। इस वजह से भारत सरकार ने अनुसंधान और उत्पादन क्षेत्र मुक्त करने का निर्णय लिया है, यह बात भी पुरी ने रेखांकित की।

Leave a Reply

Your email address will not be published.