अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ पर भारत ने किए विमान विरोधी तोप तैनात

तवांग – शत्रु के विमानों को लक्ष्य करने की क्षमता वाले ‘एल ७०’ तोप अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ पर तैनात करके भारत ने चीन को प्रत्युत्तर दिया है। भारतीय सेना ने ‘एलएसी’ पर पहले ही ‘एम-७७७’ होवाइत्ज़र और बोफोर्स तोप तैनात किए थे। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ पर हेरॉन ड्रोन्स एवं ‘एएलएच ध्रूव हेलिकॉप्टर्स’ की तैनाती होने की खबरें प्राप्त हुई थीं। अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ के करीब चीन भारी मात्रा में लष्करी गतिविधियाँ कर रहा है और ऐसे में भारतीय सेना ने प्रत्युत्तर में मुँहतोड़ तैनाती करने की बात इससे सामने आ रही है।

तोपअरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ पर भी भारतीय सेना चीन की लष्करी गतिविधियों पर बारिकी से नज़र रखे होने का बयान इस्टर्न कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल मनोज पांडे ने किया था। इसके साथ ही भारतीय सेना ने इस क्षेत्र में यकायक खड़ी होनेवाली किसी भी चुनौती का सामना करने की पूरी तैयारी की है, इस बात का अहसास भी लेफ्टनंट जनरल पांडे ने कराया। माध्यमों से उन्होंने यह जानकारी साझा करने के बाद विमान विरोधी तोप तैनात करने की जानकारी सामने आ रही है। इसके अनुसार अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ पर विमान विरोधी ‘एल ७०’ तोप तैनात किए गए हैं और इससे सेना की क्षमता में अधिक इज़ाफा होगा, यह दावा किया जा रहा है।

‘एल ७०’ से शत्रु के मानव रहित विमान, हमलावर हेलिकॉप्टर्स और प्रगत लड़ाकू विमानों को भी मार गिराना मुमकिन हो सकता। यह तोप लक्ष्य को सटीक निशाना करने की स्वयंचलित व्यवस्था से लैस हैं और इसके लिए इस तोप पर इस्रायली राड़ार यंत्रणा लगाई गई है। इससे भारतीय सेना को बड़ा लाभ होगा, ऐसा कहा जा रहा है। इसी बीच चीन, अरुणाचल प्रदेश के ‘एलएसी’ के करीबी क्षेत्र में गांव बसाने की तैयारी में होने का दावा लेफ्टनंट जनरल मनोज पांडे ने किया। इसके इस्तेमाल से यहां के ‘एलएसी’ पर चीन वर्चस्व बनाने के सपने देख रहा है। लेकिन, भारतीय सेना ने इसके खिलाफ आवश्‍यक गतिविधियाँ शुरू की हैं। चीन ने यहां के ‘एलएसी’ के करीबी इलाके में बनाई बुनियादी सुविधाओं के मुँहतोड़ सुविधाओं का निर्माण भारत ने भी किया है और इस मोर्चे पर चिंता का कारण ना होने की बात लेफ्टनंट जनरल पांडे ने स्पष्ट की थी।

उत्तराखंड़ एवं अरुणाचल प्रदेश के तवांग के ‘एलएसी’ पर चीन की सेना ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को समय पर रोका और चीनी सैनिकों को वहां पर हावी होने का अवसर ही नहीं दिया। अगले दिनों में भी चीन इस तरह की हरकतें करने की कड़ी संभावना जताई जा रही है। चीन की इन हरकतों का द्विपक्षीय संबंधों पर विपरित असर होने का अहसास भारतीय नेता चीन को लगातार करा रहे हैं। फिर भी चीन ‘एलएसी’ पर तनाव बरकरार रखने में ही उसका हित होने की सोच में है।

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