इस्रायल से जॉर्डन को ‘वॉटर सप्लाई’ करने में देरी

तेल अवीव/अम्मान – सूखे की समस्या का मुकाबला कर रहे जॉर्डन को पानी सप्लाई करने का निर्णय लेने में इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू देर कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों से इस्रायल और जॉर्डन के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू जॉर्डन की पानी सप्लाई रोककर इस देश की मुश्‍किलें बढ़ा रहे हैं। इस वजह से इस्रायल-जॉर्डन शांति समझौते के लिए खतरा बनेगा, ऐसा इशारा दोनों देशों के माध्यम दे रहे हैं।

israel-jordan-water-supplyजॉर्डन में फिलहाल पानी की किल्लत निर्माण हो रही है। वर्ष १९९४ में दोनों देशों के शांति समझौते की पृष्ठभूमि पर इस्रायल ‘जॉर्डन रिवर’ का पानी छोड़े, ऐसी माँग जॉर्डन ने की थी। इस्रायल के अफसरों ने भी जॉर्डन की यह माँग स्वीकारी। लेकिन, प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू और इस्रायल के राष्ट्रीय सुरक्षा काउन्सिल ने यह निर्णय लेने में देर करने का दावा इस्रायल के शीर्ष अखबार ने किया है।

इसके लिए बीते कुछ महीनों में हुईं गतिविधियाँ ज़िम्मेदार होने की बात इस्रायली अखबार कह रहा है। बीते वर्ष प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने वेस्ट बैंक का कुछ हिस्सा इस्रायल में शामिल किया था। जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने इस पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी। इसके बाद दोनों देशों के नेताओं का संवाद नहीं हुआ है।

कुछ दिन पहले जॉर्डन के क्राउन प्रिन्स हुसेन जेरूसलम के टेम्पल माउंट की यात्रा करनेवाले थे। लेकिन, इस्रायल ने उनके सुरक्षा रक्षकों को अनुमति प्रदान करने के मुद्दे पर मतभेद होने के बाद क्राउन प्रिन्स हुसेन को अपनी यात्रा रद करनी पड़ी थी। इसके बाद जॉर्डन ने भी इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के ‘यूएई’ यात्रा के लिए हवाई सीमा का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति देने में देर की थी। इसी कारण प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने भी जॉर्डन को पानी सप्लाई करने का निर्णय रोक रखने का दावा इस्रायली अखबार ने किया है। लेकिन, इस वजह से दोनों देशों के शांति समझौते के लिए खतरा निर्माण हो सकता है, इस ओर इस्रायली माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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