अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष और इस्रायल के प्रधानमंत्री में ना हुई चर्चा पर विवाद

जेरूसलेम/वॉशिंग्टन – ज्यो बायडेन अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव जीतकर तीन महीनों की कालावधि बीती है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अमेरिका की सत्ता की बागडोर हाथ में लेकर भी ३ हफ्ते बीते हैं। इस दौरान उन्होंने दुनिया भर के प्रमुख देशों के नेताओं के साथ चर्चा की है। लेकिन अभी तक इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू को राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने फोन नहीं किया है। इस पर दोनों देशों के माध्यम और विश्लेषक तथा पूर्व राजनीतिक अधिकारी चर्चा करने लगे हैं। अमरीका और इस्रायल की अंतर्गत राजनीति में भी इसकी गूंजे सुनाई दे रहीं हैं। जल्द ही दोनों नेताओं में चर्चा होगी, लेकिन उसकी तारीख और समय की जानकारी हमारे पास नहीं है, ऐसा खुलासा व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी ने किया है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष

अमेरिका की संयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त पूर्व राजदूत निक्की हॅले ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की जमकर आलोचना की थी। इस्रायल जैसे अमरीका के निकटतम मित्रदेश की सुरक्षा को नजरअंदाज करके, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ईरान को अधिक अहमियत दे रहे हैं, ऐसा हॅले ने कहा था। वहीं, इस्रायल की सुरक्षा को खतरे में डालकर क्या बायडेन का प्रशासन आतंकवादी ईरान को अरबों डॉलर की सहायता की आपूर्ति करेगा? ऐसा सवाल अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने किया था। उसके बाद भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इस्रायल के प्रधानमंत्री के साथ फोन पर चर्चा नहीं की है। रशिया तथा चीन इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ भी बायडेन की फोन पर चर्चा संपन्न हुई है। लेकिन इस्रायली प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करना टालकर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने ‘तुम स्पेशल नहीं हो’ ऐसा संदेश उन्हें दिया होने का दावा इस्रायली विश्‍लेषक कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त इस्रायल के पूर्व राजदूत डॅनी डेनॉन ने तो, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने चर्चा किए हुए देशों की सूचि ही सोशल मीडिया में जारी करके, साथ में इस्रायल के प्रधानमंत्री का नंबर भी दिया है। इसकी गूंजे सुनाई देने लगी हैं और अमरिकी माध्यमों ने भी उसकी दखल ली है। इस संदर्भ में व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी को पत्रकारों ने सवाल पूछे थे। उसके जवाब में साकी ने यह जानकारी दी कि जल्द ही दोनों नेता चर्चा करेंगे। लेकिन उसकी तारीख और समय की जानकारी अपने पास नहीं है, ऐसा साकी ने कहा। साथ ही, इस्रायल अमरीका का निकटतम सहयोगी देश है, ऐसा भी साकी ने कहा।

उसके बाद अमरीका और इस्रायल के संबंधों में तनाव बड़ा होने की चर्चाएँ रुकी नहीं हैं। बराक ओबामा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष और बायडेन उपराष्ट्राध्यक्ष थे, तब इस्रायल के साथ उनके संबंध बहुत बिगड़े थे। इस कारण इस्रायली प्रधानमंत्री को वास्तविकता का एहसास करा देने के लिए ही राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अभी तक उनसे चर्चा नहीं की होगी, ऐसी गहरी संभावना जताई जा रही है। लेकिन अमरीका के इस्रायल में नियुक्त पूर्व राजदूत डॅन शापिरो इसपर टिप्पणी की है कि इस बात की ओर बहुत गंभीरता से देखने की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन भौगोलिक रचना के अनुसार देशों के प्रमुखों को फोन कर रहे हैं। इसमें जब खाड़ी क्षेत्र के देशों की बारी आएगी, तब राष्ट्राध्यक्ष बायडेन इस्रायली प्रधानमंत्री के साथ भी फोन पर चर्चा करेंगे, ऐसा शापिरो यह कहा है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री ने भी ये एहतियाद बरते हैं कि इस मामले में बयान करके दोनों देशों के बीच विवाद और ना बढ़ें। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने यह यकीन दिलाया था कि मतभेद होने के बावजूद भी अमरीका और इस्रायल के बीच सहयोग कायम रहने वाला है। ऐसा होने के बावजूद भी कमा ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए बायडेन ने की पहल और पर्शियन खाड़ी से अमरीका का विमान वाहक युद्धपोत वापस बुलाना, इन फैसलो द्वारा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन नी एक ही समय ईरान और इजरायल को परस्पर विरोधी संदेश दिए हैं। लेकिन अपने प्रशासन पर ‘इस्रायलविरोधी’ ऐसी मुहर नहीं लगेगी, इसके भी एहतियात राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से बरते जा रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में जेरूसलम को इस्रायल की राजधानी के रूप में मान्यता देखकर यहां पर अमरीका का दूतावास खोला था। अमरीका के नये विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भी घोषित किया कि जेरूसलेम में स्थित यह दूतावास कायम रहेगा। इतना ही नहीं, बल्कि जेरूसलम को इस्रायल की राजधानी के रूप में अपने बायडेन प्रशासन की मान्यता है, ऐसा विदेश मंत्री ब्लिंकन ने घोषित किया है।

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