रक्षा बलों ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ दुबारा शुरू किया – ‘हेरॉन ड्रोन्स’ हथियारों से सज्जित होंगे

नई दिल्ली – चीन के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर भारत ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ दुबारा शुरू किया है। इसके तहत भारतीय रक्षाबलों के बेड़े में मौजूद ‘हेरॉन ड्रोन्स’ को अधिक प्रगत करने के लिए इसे ‘लेज़र गाईडेड बम’ और ‘टैंक’ विरोधी मिसाइलों से सज्जित किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को दिया गया है, यह जानकारी सूत्रों के दाखिले से प्राप्त हो रही है।

‘प्रोजेक्ट चीता’

‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए राजनीतिक और लष्करी स्तर पर कोशिश जारी है, फिर भी भारतीय रक्षाबलों ने किसी भी स्थिति का मुकाबला करने की तैयारी रखी है। लद्दाख के साथ चीन से सटी अन्य सीमाओं पर भी तैनाती बढ़ाई गई है। इन सीमाओं पर टैंक, तोप, मिसाइल विरोधी यंत्रणा के साथ अन्य रक्षा सामग्री तैनात की गई है। इसमें इस्रायल से प्राप्त किए गए ‘हेरॉन ड्रोन्स’ का भी समावेश है।

भारत के तीनों रक्षाबलों के बेड़े में कुल 90 ‘हेरॉन ड्रोन्स’ मौजूद हैं और फिलहाल यह ड्रोन्स हथियारों से सज्जित नहीं हैं। इनका इस्तेमाल मात्र गश्‍त के लिए हो रहा है। लेकिन गश्‍त के साथ शत्रु और आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए भी इन ड्रोन्स का इस्तेमाल करने के लिए इन्हें हथियारों से सज्जित करने का प्रस्ताव था। बीते पांच वर्षों में इस प्रस्ताव का निर्णय होना था। ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत अब इस्रायल से 10 सशस्त्र ‘ड्रोन्स’ खरीद करने की कोशिश होने के समाचार दो वर्ष पहले प्राप्त हुए थे। लेकिन इसके बावजूद यह प्रस्ताव पिछड़ गया था।

‘प्रोजेक्ट चीता’

अब मौजूदा ड्रोन्स को आधुनिकीकरण करके इन्हें हथियारों से सज्जित किया जाएगा। ‘हेरॉन ड्रोन्स’ पर लेज़र गाईडेड बम, हवा से हवा में हमला करनेवाले मिसाइल एवं टैंक विरोधी मिसाइल की तैनाती होगी। साथ ही, गश्‍त करने के लिए आवश्‍यक प्रगत उपकरणों से भी इन ड्रोन्स को सज्जित किया जाएगा। इससे संबंधित प्रक्रिया शुरू हुई है और रक्षाबलों ने पेश किया हुआ प्रस्ताव अब रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय समिती के सामने है। साथ ही तीनों रक्षाबलों के लिए खरीद करने की ज़िम्मेदारी संभाल रहे रक्षा सचिव अजय कुमार के सामने अब यह प्रस्ताव होने का दावा हो रहा है।

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