‘जम्मू-कश्मीर में ‘डर्टी वॉर’ का सामना करने के लिए दायरे के बाहर के उपाय आवश्यक’ : सेनाप्रमुख बिपीन रावत

श्रीनगर/ नई दिल्ली, दि. २८ : पथराव करनेवाले युवा को जीप से बाँधकर मेजर लितुल गोगोई का सेनाप्रमुख बिपीन रावत ने समर्थन किया है| ‘पथराव होते समय सैनिकों को मरने के लिए तो नहीं कह सकते, ऐसे में समयसूचकता दिखाकर सैनिकों को सुरक्षा के लिए उपाय करने ही पड़ते हैं| उसमें भी, जम्मू-कश्मीर के ‘डर्टी वॉर’ का सामना करने के लिए सैनिकों को नये तरीके ढूँढ़ने की ज़रूरत है, ऐसे सेनाप्रमुख रावत ने स्पष्ट किया| पथराव करनेवाले युवा यदि हाथ में हथियार ले लें, तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि फिर हमें जो करना है, वह हम कर सकते हैं’ ऐसे सेनाप्रमुख ने कहा है|

‘डर्टी वॉर’कुछ दिन पहले, पथराव करनेवाले हजारों की भीड़ में से ताफ़े के सैनिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए, जम्मू-कश्मीर के एक आदमी को सेना ने जीप से बाँधा था, इसका वीडियो सार्वजनिक हुआ था| इसके बाद, इस युवा का इन्सानी ढाल के तौर पर इस्तेमाल करने का इल्ज़ाम लगाकर आलोचना की गयी थी| उसके बाद, सैनिकों को सुरक्षित बाहर निकालनेवाले मेजर गोगोई का सेना ने सम्मान किया है| देश के कुछ लोग इस फ़ैसले की आलोचना कर रहे हैं कि तभी सेनाप्रमुख ने, गोगोई द्वारा दिखायी गयी समयसूचकता का समर्थन किया है|

‘जब सामने से पथराव हो रहा है, पेट्रोल बमों की बरसात हो रही है, ऐसे समय क्या करना चाहिए, ऐसा यदि कोई पूछें, तो क्या हम उन्हें ऐसा कहें कि मौत आने तक प्रतिक्षा करो? क्या ऐसा उन्हें बतायें कि तुम्हारा शव तिरंगे में सम्मान के साथ लपेटकर तुम्हारे मकान तक पहुँचा दिया जायेगा?’ ऐसे प्रतिसवाल सेनाप्रमुख ने किये|

‘जम्मू-कश्मीर में छिपी जंग शुरू है| इस जंग में सैनिकों का धीरज मुझे बरक़रार रखना ही होगा| पथराव करनेवालों ने यदि हथियार हाथ में लिये, तो मैं उन्हें मेरे तरीके से जबाब दूँगा| यह डर्टी वॉर है| इसी कारण इस जंग में दो हाथ करने के लिए कुछ नये तरीके अपनाने की जरूरत है’ ऐसा सेनाप्रमुख ने गोगाई के समर्थन करते समय कहा है|

‘दक्षिण कश्मीर के सिर्फ चार ज़िले हैं| इन ज़िलों में हो रही हिंसा के वजह से पूरे जम्मू-कश्मीर का माहौल बिगड़ रहा है| यहाँ की हिंसा पर रोक लगाना यही सेना का उद्देश्य है| जम्मू-कश्मीर की आम जनता इस हिंसा का समर्थन नहीं करती| इसलिए जम्मू-कश्मीर के माहौल से बाहर आने के लिए इकट्ठा होकर कोशिश करनी पडेगी|

किसी भी देश के लोगों के दिल में होनेवाला वहाँ की सेना का डर यदि नष्ट हो गया, तो उस देश का अंत होगा| कानून और सुव्यवस्था बरक़रार रखने के लिए यह डर ज़रूरी है’ ऐसा सेनाप्रमुख रावत ने स्पष्ट किया|

इस दौरान, २४ घंटों में दस आतंकवादियों को ढेर करने के बाद, जम्मू-कश्मीर में रक्षा दलों ने अधिक व्यापक तौर पर मुहिम हाथ में ली होकर, इस मुहिम में ५ हज़ार सैनिक शामिल होने की खबर है| पिछले साल बुर्‍हान वाणी ढेर होने के बाद निर्माण हुई परिस्थिति की पुनरावृत्ती टालने के लिए, ‘शबझार अहमद बट’ को मारने के पश्चात् सावधानी बरती जा रही है| पथराव करके जम्मू-कश्मीर धधकता रखने की अलगाववादियों की साज़िश इस बार सफल नहीं होने देंगे| पथराव करनेवालों को आतंकवादविरोधी मुहिम में दिक्कतें नहीं लाने देंगे, ऐसा सीआरपीएफ के अतिरिक्त संचालक ने स्पष्ट किया|

पथराव रोकने के लिए सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलीस के अतिरिक्त सैनिक, अलगाववादियों का प्रभाव रहनेवाले दक्षिण और उत्तर कश्मीर के पाच ज़िलों में तैनात किये गये हैं| इन उपायों के कारण, ‘शबझार अहमद बट’ के ढेर होने के बाद भी जम्मू-कश्मीर का माहौल नियंत्रण में है, ऐसा कश्मीर पुलीस ने कहा है|

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