डेप्सांग में सैनिकों की तैनाती को लेकर भारत का चीन को इशारा

नई दिल्ली – डेप्सांग से सैनिकों को पीछे हटाएं, वहां पर जारी निर्माण कार्य बंद करें। चीन के सैनिकों के पीछे हटने तक भारत भी अपनी तैनाती में कटौती नहीं करेगा, यह इशारा भारत ने फिरसे चीन को दिया है। शनिवार के दिन लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) में दोनों देशों की मेजर जनरल स्तर की चर्चा हुई। इस दौरान डेप्सांग और पैन्गोन्ग त्सो समेत अन्य ज़गहों से चीन ने अपने सैनिकों को पीछे हटाने का मुद्दा भारत ने दुबारा उपस्थित किया। खास तौर पर डेप्सांग के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव में अधिक बढ़ोतरी होने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

डेप्सांग

सीमा पर बना तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की चर्चा शनिवार रात ख़त्म हुई। इस चर्चा से भी बड़ा कुछ हाथ ना लगने के समाचार सामने आ रहे हैं। इस बैठक का ब्यौरा सेना ने घोषित नहीं किया है। लेकिन इस दौरान भारत ने चीन को फिर एक बार सैनिकों को पीछे हटाने का इशारा दिया होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस बैठक में सेना की ‘3 इन्फन्ट्री डिविजन’ के मेजर जनरल अभिजीत बापट ने भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया।

डेप्सांग में चीन की हुई तैनाती और जारी निर्माण कार्य को लेकर भारत ने आपत्ति दर्ज़ की। उत्तरी लद्दाख में पॉईंट 10 और 13 के बीच गश्‍त करने से भारत को रोकने की कोशिश चीन कर रहा है। इन दोनों पॉईंट को जोड़नेवाला मार्ग डेप्सांग से जाता है और डेप्सांग में तैनाती बढ़ाकर भारत को रोकने की कोशिश चीन कर रहा है। लेकिन, भारत ने भी इस क्षेत्र मे तैनाती बढ़ाकर चीन को संदेश दिया है। उत्तरी लद्दाख के डेप्सांग का क्षेत्र सुरक्षा के नज़रिए से काफी अहम होने से भारत ने वहां से चीन के सैनिकों को पीछे हटाने के लिए सबसे अधिक अहमियत देने के समाचार है।

इसी बीच, चीन की जारी गतिविधियां देखें तो भारत ने वहां पर अपनी तैनाती लंबे समय तक रखने की तैयारी की है। लद्दाख के साथ ही अरुणाचल प्रदेश, सिक्कीम और हिमाचल प्रदेश में की गई अतिरिक्त तैनाती भी भारत कायम रख रहा है।

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