तालिबान के साथ समझौते को लेकर भारत ने अमरिका को दिया सतर्कता बरतने का इशारा

नई दिल्ली – अफगानिस्तान में तैनात सेना पीछे लेने के लिए अमरिका कोशिश कर रही है और इसके लिए अमरिका ने तालिबान के साथ बातचीत शुरू की है| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने यह बातचीत सही दिशा से शुरू होने की बात कहकर अफगानिस्तान में तैनात अमरिकी सेना की वापसी का समर्थन किया है| लेकिन, भारत ने तालिबान के साथ शुरू इस चर्चा पर अमरिका को सतर्कता बरतने का इशारा दिया है| साथ ही तालिबान के साथ शुरू अमरिका की चर्चा का अफगानिस्तान के चुनाव पर असर ना हो, इस संबंधी एहतियात बरतने का निवेदन भी भारत ने किया है|

मंगलवार के दिन रशिया की राजधानी मास्को में होने वाली अफगानिस्तान संबंधी चर्चा में तालिबान के प्रतिनिधि शामिल होंगे| अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हमीद करझाई भी इस चर्चा का हिस्सा रहेंगे| इस चर्चा के पहले तालिबान ने हम व्यापक एवं उदार होने का चित्र खडा करने की काफी कोशिश की है| अमरिकी सेना पीछे हटने के बाद भी अफगानिस्तान का निर्माण करने में अमरिका का योगदान रहेगा, ऐसा तालिबान का प्रवक्ता कह रहे है| इतना ही नही, बल्कि अमरिकी सेना पीछे हटने के बाद अफगानिस्तान में अल्पसंख्याक समुदाय की सुरक्षा होगी, यह दावा भी तालिबान ने किया है|

तालिबान के इस दावे पर निर्भर रहने योग्य परिस्थिति नही है, यह भारत का कहना है| इसी लिए अफगानिस्तान की वर्तमान सरकार एवं यंत्रणा की सुरक्षा का विचार ध्यान में रखकर ही अमरिका तालिबान से चर्चा करे, यह मांग भारत से रखी जा रही है| साथ ही तालिबान के साथ शुरू अमरिका की चर्चा का अफगानिस्तान के अगले चुनाव पर असर नही होगा, इस संबंधी ध्यान रखे, ऐसा निवेदन भारत कर रहा है|

वर्ष १९८९ में सोव्हिएत रशिया का अफगानिस्तान में पराभव होने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता हथियाई थी| इस के बाद अफगानिस्तान पर पाकिस्तान का प्रभाव काफी मात्रा में बढा था और इसका लाभ उठाकर पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढावा देकर बडी मात्रा में खूनखराबा किया था| इसे दोहराने के लिए पाकिस्तान की सेना अफगानिस्तान से अमरिकी सेना पीछे हटने की प्रतिक्षा कर रही है| अफगानिस्तान की गतिविधियों का भारत के सुरक्षा पर होनेवाला यह असर ध्यान में रखकर भारत लगातार अमरिका एवं अन्य देशों को सतर्कता बरतने का इशारा दे रहा है| उसी समय अमरिकी सेना की वापसी होने की संभावना ध्यान में रखकर भारत ने अफगानिस्तान की समस्या पर चीन समेत अन्य देशों से चर्चा करने का वृत्त है|

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