ईरानी हुकूमत का जनता के विरोध में ही ‘सायबर आतंकवाद’ शुरू है – ईरान की बागी संगठन का आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

लंडन – ईरान की खामेनी-रोहानी हुकूमत के विरोध में जनता ने शुरू किए प्रदर्शन और विरोध रौंदने के लिए ईरान ने अपने ही जनता के विरोध में ‘सायबर आतंकवाद’ का पुकार किया है| इंटरनेट के माध्यम से ईरानी हुकूमत अपने ही जनता पर जासूसी कर रही है, यह आरोप युरोप की बागी ईरानी संगठन ने अपने रपट में किया हैष विश्‍व भर में सायबर हमले करने के पहले ईरान इसका इस्तेमाल अपनी ही जनता पर कर रहा है, यह आरोप इस संगठन ने किए है|

कुछ युरोपीय देशों ने ईरान के साथ सहयोग करने की भूमिका अपनाई है| युरोपीय देशों की इस भूमिका पर ‘नैशनल कौंसिल ऑफ रेजिस्टन्स ऑफ ईरान’ (एनसीआरआई) इस संगठन ने आलोचना की है| साथ ही ईरान को लेकर नरम भूमिका अपनाकर वहां की हुकूमत की भूमिका में बदलाव नही होगा, यह भी ‘एनसीआरआई’ ने अपनी रपट में कहा है| इसके अलावा ईरान का पक्ष ले रहे युरोपीय देशों को ईरान के ‘सायबर आंतकवाद’ की वजह से खतरा है, यह चेतावनी इस गुट ने दी है|

ब्रिटेन में विद्यापीठों पर हुए सायबर हमलों के लिए ईरान की हुकूमत जिम्मेदार है, यह आरोप इस गुट ने किया है| ईरान के इस सायबर आतंकवाद ने ब्रिटिश विद्यापीठों के साथ ब्रिटेन की सांसदों को भी लक्ष्य किया है, यह दावा इन बागीयों की संगठन ने किया है| ब्रिटेन या पश्‍चिमी देशों पर अपने सायबर आतंकवाद का इस्तेमाल करने से पहले ईरान अपनी जनता पर ही इसका प्रयोग कर रहा है, यह दावा इस संगठन ने किया है|

ईरान में अपनी हुकूमत कायम रखने के लिए खामेनी की ओर से ईरान की जनता पर सायबर हमलों के जरिये नजर रखी जा रही है| ईरान की रोहानी सरकार ने अपनी जनता को इंटरनेट और शोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है फिर भी इस माध्यम पर ईरान की हुकूमत कडी नजर रखकर है| ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस् के नियंत्रण में सायबर कमांड रखी गई है, यह दावा ईरानी बागीयों के इस संगठन ने किया है|

पिछले कुछ महीनों से ईरान में खामेनी-रोहानी हुकूमत के विरोध में शुरू आक्रामक प्रदर्शन शांत करने के लिए सायबर आतंकवाद काही ही इस्तेमाल हो रहा है, यह इस संगठन ने कहा है| ईरान की हुकूमत इस तजुर्बे का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रही है| पिछले कुछ वर्षों में ईरान ने अफगानिस्तान से रशिया तक ७० वेबसाईट को लक्ष्य किया है, यह इस बागी संगठन ने स्पष्ट किया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.