भारत से बैर रखनेवाले देशों के पास ‘सायबर आर्मी’ है – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा

नई दिल्ली – ‘जिन से सुरक्षित भारत देखा नहीं जाता, ऐसे देशों ने भारत पर अलग-अलग तरह से सायबर हमले किए हैं। इन देशों ने अपनी ‘सायबर आर्मी’ तैयार की है। लेकिन, इसका सामना करने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से तैयार है। हर तरह के सायबर हमलों को रोकने के लिए भारत अपनी क्षमता अधिकाधिक विकसित कर रहा है’, ऐसा बयान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने किया। देश की सायबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है, ऐसा कहकर केंद्रीय गृहमंत्री ने सायबर सुरक्षा की अहमियत रेखांकित की।

‘सायबर आर्मी’‘सायबर सेफ्टी ऐण्ड नैशनल सिक्युरिटी’ विषय पर आधारित परिसंवाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा बोल रहे थे। देश की ८० करोड़ जनता ऑनलाईन माध्यम से जुड़ी हुई है, ऐसा कहकर शहा ने इसका स्वागत किया। यह काफी बड़ी संख्या है। जिस मात्रा में यह संख्या बढ़ेगी उसी मात्रा में डाटा के दर कम होंगे। देश में ऐसी डिजिटल क्रांती होने के दौरान सायबर सुरक्षा की अहमियत प्रचंड़ बढ़ी है, इसका अहसास गृहमंत्री ने कराया।

देश में सायबर क्षेत्र में हो रही धांदली और गलत कारोबार की मात्रा आनेवाले समय में बढ़ती रहेगी। इसी वजह से सायबर सुरक्षा के मोर्चे पर हमें अधिक तैयारी करनी होगी। क्योंकि, सायबर सुरक्षा अपने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई बात है। सायबर क्षेत्र देश के विकास में काफी बड़ा योगदान दे रहा है। इसी कारण सायबर सुरक्षा को केंद्र सरकार काफी अहमियत दे रही है, ऐसा केंद्रीय गृहमंत्री ने स्पष्ट किया।

‘सायबर आर्मी’हमारे लिए सायबर हमले नयी बात नहीं है। हमारे देश पर पहले भी सायबर हमले हुए हैं। मालवेअर के हमले, इंटरनेट फिशिंग और देश के बुनियादी सुविधा क्षेत्र के संवेदनशील ठिकानों पर सायबर हमले, ऑनलाईन घोटाले जैसे आपराधिक मामले आनेवाले दिनों में बढ़ सकते हैं। साथ ही नागरिकों की ‘प्राइवसी’ यानी व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी गोपनीयता का भंग सायबर हमलों से किया जा सकता है। इसी वजह से प्रत्येक को अपनी जानकारी सुरक्षित रखने के लिए अधिक ध्यान देना होगा, यह आवाहन केंद्रीय गृहमंत्री ने किया।

आनेवाले समय में डाटा और इन्फॉर्मेशन यानी जानकारी दोनों मुद्दे काफी बड़ी आर्थिक ताकत साबित होगी। इसी वजह से इसकी सुरक्षा के लिए हमें अधिक सतर्क रहना होगा, यह इशारा गृहमंत्री ने दिया।

हमारे देश में साल २०१२ में सायबर गुनाह के ३,३७७ मामले दर्ज हुए थे। साल २०२० में यह संख्या बढ़कर ५० हज़ार पर पहुँची है। यह दर्ज़ मामलों की संख्या हैं। दर्ज़ ना हुए सायबर गुनाहों की संख्या लाख से अधिक हो सकती है, इसका अहसास केंद्रीय गृहमंत्री ने कराया। ऐसी स्थिति में भारत सरकार ने विश्‍व के सबसे सुरक्षित सायबर क्षेत्र का निर्माण करने का ध्येय अपने सामने रखा है, यह कहकर गृहमंत्री अमित शहा ने इस मोर्चे पर जनता को आश्‍वस्त किया।

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