प्रधानमंत्री जल्द ही करेंगे ‘नैटग्रिड’ का ऐलान – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा

नई दिल्ली – हमला करने से पहले ही आतंकियों को रोकने में काफी प्रभावी साबित होनेवाले ‘नैशनल इंटेलिजन्स ग्रिड-नैटग्रिड’ का जल्द ही प्रधानमंत्री के हाथों शुभारंभ होगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने इसकी जानकारी साझा की। ‘नैटग्रिड’ की वजह से सुरक्षा यंत्रणा एवं सेवा प्रदान करनेवाली संस्थाओं का नेटवर्क कार्यान्वित होगा। इससे आतंकी एवं संदिग्धों की गतिविधियों की जानकारी पाना बड़ा आसान होगा और आतंकी हमले को अंजाम देने से पहले ही उन्हें गिरफ्त में लेना मुमकिन होगा।

अमित शहावर्ष २००८ में हुए २६/११ के भयंकर आतंकी हमले के बाद इस तरह की आवश्‍यकता सामने आयी थी। यह कायराना हमला करनेवाले आतंकियों ने काफी पहले से इस हमले की तैयारी शुरू कर दी थी। उनकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पाने में प्राप्त हुई असफलता का राष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से संज्ञान लिया गया था। इसके बाद ‘नैशनल इंटेजिलन्स ग्रिड-नैटग्रिड’ जैसी प्रभावी यंत्रणा की आवश्‍यकता स्पष्ट होने पर इस दिशा में काम शुरू हुआ था। लगातार १२ वर्ष बाद यह ‘नैटग्रिड’ तैयार होती सामने आ रही हैं।

‘ब्युरो ऑफ पुलिस रिसर्च ऐण्ड डेवलपमेंट – बीपीआरडी’ के ५१वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में बोलते समय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने इसकी जानकारी प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इससे संबंधित ऐलान करेंगे, यह भी गृहमंत्री ने कहा। कोरोना का संकट उभरा नहीं होता तो यह यंत्रणा पहले ही कार्यान्वित हुई होती, यह भी गृहमंत्री ने कहा। इसी बीच संदिग्ध गतिविधियों की सही समय में जानकारी प्राप्त करके उसका तेज़ी से विश्‍लेषण करके इस पर तुरंत कार्रवाई करने की योजना ‘नैटग्रिड’ की वजह से सच्चाई में उतरेगी।

इसके पहले चरण में देश की दस सुरक्षा यंत्रणा और २१ सर्विस प्रोवायडर्स यानी अलग अलग सेवा प्रदान करनेवाली यंत्रणा एक साथ काम करेंगी। अगले दिनों में देश के ९५० सर्विस प्रोवायडर्स इस योजना से जुड़ जाएगी। इससे देश में आनेवाले और देश से बाहर जानेवाले हरएक संदिग्ध की पूरी जानकारी प्राप्त करना और इसका अध्ययन करके सही समय पर कार्रवाई करना मुमकिन होगा। इसके लिए सुरक्षा यंत्रणाओं में आवश्‍यक समन्वय स्थापित होगा और तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लेना भी संभव होगा।

केंद्रीय यंत्रणाओं को प्राप्त बड़ी अहम और संवेदनशील जानकारी उचित समय में सुरक्षा यंत्रणाओं को प्राप्त नहीं होती, यही आतंकवाद विरोधी जंग की प्रमुख समस्या समझी जा रही थी। लेकिन, नैटग्रिड की वजह से यह समस्या दूर होगी। यह बात भारत की आतंकवाद विरोधी जंग के लिए बड़ी अहम साबित हो सकती हैं। अफ़गानिस्तान जैसा देश तालिबान के कब्ज़े में जाने के बाद विश्‍व पर आतंकवाद का खतरा काफी मात्रा में बढ़ा है। विश्‍व के प्रमुख देशों के नेता और मौजूदा एवं पूर्व अधिकारी आतंकी हमलों के इशारे दे रहे हैं। पाकिस्तान जैसा आतंकवाद का खुलेआम पुरस्कार करनेवाला देश पड़ोस में भारत की सुरक्षा के सामने खड़ी चुनौतियाँ भी इससे अधिक तीव्र हुई हैं।

इस पृष्ठभूमि पर नैटग्रिड जैसी यंत्रणा की वजह से आतंकी हमलों के खतरे काफी मात्रा में टालना मुमकिन होगा और इससे देश की सुरक्षा अधिक मज़बूत होगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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