चिनी कंपनी द्वारा ऑस्ट्रेलिया का ‘केसविक आयलंड’ हथियाने की कोशिश – स्थानीय नागरिकों का आरोप

कॅनबेरा/बीजिंग – चीन एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच दिनबदिन तनाव बढ़ रहा है; ऐसे में, उसे बढ़ानेवाली एक और घटना सामने आयी है। चीन की एक प्राईवेट कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया के एक द्वीप पर रहनेवाले स्थानीय नागरिकों पर निर्बंध लगाये होकर, यात्रा के साथ साथ दैनंदिन व्यवहारों में भी अड़ंगे डालना शुरू किया है। चिनी कंपनी की इस मग़रूरी के ख़िलाफ़ नागरिकों द्वारा तीव्र प्रतिक्रिया आयी है। ऑस्ट्रेलिया सरकार इस मुद्दे पर कठोर भूमिका अपनाकर, चिनी कंपनी दे रही पीड़ा से नागरिकों को मुक्त करें, ऐसी माँग की जा रही है।

china-aus-kesvik-islandचीन की मालमत्ता क्षेत्र की बड़ी कंपनी के तौर पर जानी जानेवाली ‘चायना ब्लूम’ इस कंपनी ने पिछले साल क्वीन्सलँड सरकार के साथे किये समझौते के द्वारा ‘केसविक आयलंड’ स्थित ११५ हेक्टर्स भूमि ‘लीज’ पर ले ली। तक़रीबन दो करोड़ डॉलर्स का यह समझौता ९९ सालों के लिए है, ऐसा कहा जाता है। समझौता करके जगह पर कब्ज़ा करने के बाद चीन की कंपनी ने स्थानिकों पर अपनी मनमानी करना शुरू किया। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने इस द्वीप के सागरकिनारे के एक भाग पर ‘नो एन्ट्री’ का बोर्ड़ लगाकर जहाज़ तथा पर्यटकों पर पाबंदी लगाई।

इस मुद्दे पर होहल्ला होने के बाद बोर्ड़ हटाकर जहाज़ तथा पर्यटकों को अनुमति दी गयी। लेकिन उसके बाद चिनी कंपनी ने फिर से अपनी मग़रूरी दिखाना शुरू किया होने की बात सामने आ रही है। ‘केसविक आयलंड’ पर मक़ान किराये पर लेकर रहनेवाले कुछ नागरिकों को नोटिस भेजकर मक़ान खाली करने को कहा गया। द्वीप पर छोटे जवाई जहाज़ों के लिए बनाया गया रनवे बंद किया गया है। उसके बाद, द्वीप से सटकर होनेवाले ‘नॅशनल पार्क’ तक जाने के मार्ग भी बंद कर दिये गए हैं। स्थानीय नागरिकों के घर घरे पर्यटकों के लिए किराये पर देने पर भी पाबंदी लगाई गई है।

china-aus-kesvik-islandचिनी कंपनी के इस मनमानी व्यवहार के विरोध में स्थानीय स्तर पर से तीव्र प्रतिक्रियाएँ उठने लगीं हैं। क्वीन्सलँड के पूर्व सांसद जेसन कॉस्टिगन ने, चिनी कंपनी को धक्के मारकर बाहर निकाल दो, ऐसी आक्रामक माँग की। ‘यह ऑस्ट्रेलिया का व्हिटसंडेज् है, चीन का वुहान नहीं’, ऐसे शब्दों में उन्होंने चिनी कंपनी को भी खरी खरी सुनाई है। ‘चिनी कंपनी खुलेआम ऑस्ट्रेलिया की ज़मीन पर ग़ैरक़ानूनी रूप में कब्ज़ा कर रही है। यह बात स्थानीय जनता तथा राष्ट्रीय हितसंबंधों के ख़िलाफ़ है’, ऐसे शब्दों में उन्होंने संभाव्य ख़तरे पर ग़ौर फ़रमाया।

स्थानीय प्रशासन के साथ साथ चिनी कंपनी ने भी ‘केसविक आयलंड’ के मुद्दे पर जवाब देना टाला है। ‘हमने चिनी कंपनी को ये निर्देश दिये हैं कि स्थानिकों के साथ चर्चा करके समस्या को हल करें’ ऐसा क्वीन्सलँड के प्रवक्ता द्वारा बताया गया। लेकिन उससे अधिक सरकार की भूमिका स्पष्ट करने से प्रवक्ता ने इन्कार किया है। इस कारण अब स्थानिकों ने ठेंठ ऑस्ट्रेलिया सरकार को गुहार लगाने के संकेत दिए हैं।

china-aus-kesvik-islandप्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गत दो सालों में लगातार चीनविरोधी आक्रामक भूमिका अपनाई है। कुछ ही दिन पहले, ऑस्ट्रेलिया की संसद ने चीन के बधते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार को नकाराधिकार (वेटो) देनेवाले नये क़ानून को मंज़ुरी दी थी। क़ानून में हालाँकि ‘विदेशी हुक़ूमत’ ऐसा उल्लेख किया गया है, फिर भी वह मुख्य रूप में चीन के साथ किये गए समझौतों को लक्ष्य करनेवाला है, ऐसा बताया जाता है। इस क़ानून में पुराने समझौतों का पुनर्विचार करने का प्रावधान होकर, उसके तहत यदि क्वीन्सलँड और चिनी कंपनी के बीच हुए समझौते का विचार किया गया, तो चीन ऑस्ट्रेलिया में कर रहे दखलअन्दाज़ी का मुद्दा फिर से चर्चा में आ सकता है।

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