अमरिकी वित्त मंत्री के अफ्रीका दौरे पर चीनी दूतावास की आलोचना

लुसाका/वॉशिंग्टन – ‘अमरीका की अर्थव्यवस्था पर भार बनी कर्ज की समस्या के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए खतरा बना हैं। इस वजह से सीर्फ मतलबी हितसंबंधों के लिए अन्य देशों के खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाने का अधिकारी अमरीका को नहीं है’, ऐसे तीखें शब्दों में चीनी दूतावास ने अमरीका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन की आलोचना की। येलेन फिलहाल अफ्रीका दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने झांबिया पर भार बने चीनी कर्जे के मुद्दे पर बयान किया था। इसपर चीन की आक्रामक प्रतिक्रिया सामने आती दिख रही हैं।

अमरिकी वित्त मंत्री के अफ्रीका दौरे पर चीनी दूतावास की आलोचनाचीन और रशिया अफ्रीकी महाद्वीप में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में हैं और इसी बीच अमरीका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन पिछले हफ्ते अफ्रीका दौरे पर पहुँची थी। अपने इस दौरे में उन्होंने सेनेगल और झांबिया का दौरा किया और मंगलवार को वह दक्षिण अफ्रीका में पहुँची, यह कहा जा रहा है। सेनेगल और झांबिया में आयोजित समारोह में येलेन ने अफ्रीका को कर्जे के फंदे में फंसाने का इरादा रखने वाले चीन की भी आलोचना की थी।

‘झांबिया के कर्ज का फिर से रचना होना ज़रूरी हैं। फिलहाल बने कर्जे के भार का बुरा असर झांबिया की अर्थव्यवस्था पर हो रहा है। इस देश की कर्जे की समस्या का हल निकालने में चीन बड़ा अड़ंगा बना है। चीनी नेता और अधिकारियों से हुई चर्चा में यह मुद्दा उठाया गया था। आनेवाले दिनों में भी झांबिया के कर्जे के मुद्दे पर चीन समेत अन्य सभी देशों पर दबाव बनाने की कोशिश अमरीका करेगी’, इन शब्दों में अमरिकी वित्त मंत्री येलेन ने चीन को लक्ष्य किया। अमरिकी वित्त मंत्री के अफ्रीका दौरे पर चीनी दूतावास की आलोचनाइससे पहले सेनेगल में आयोजित बैठक में चमकते और अपारदर्शी समझौतों से अफ्रीकी देश दूर रहे, ऐसा येलेन ने आगाह किया था।

अमरिकी वित्त मंत्री के इस बयान ने चीन को बरी मिर्च लगाई हैं और झांबिया के दूतावास से इसपर जवाब दिया गया है। दूतावास ने जारी किए निवेदन में यह कहा है कि, येलन पहले अमरीका पर भार बने कर्ज और संभावित दिवालिया होने की समस्या को दूर करे। साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कर्जे के बढ़ रहे भार के लिए अमरीका की नीति ज़िम्मेदार है, यह आरोप भी लगाया गया है। येलेन अपने देश का मुल्य बरकरार रखने के लिए काम करे और अन्य देशों के निर्णयों में दखलअंदाज़ी ना करे, ऐसा इशारा भी चीनी दूतावास ने दिया है।

झांबिया पर फिलहाल १७ अरब डॉलर्स कर्जे का भार हैं और इनमें से ५० प्रतिशत से भी अधिक कर्जा चीन का होने की बात कही जा रही है।

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